May 03, 2017

राजाओं को तवायफे खुश करतीं थी आज ये काम दलाल मीडिया करतीं है : विशाल सोनारा

भारतीय मीडिया को सिर्फ कंट्रोवर्सी ही दिखाइ देती है जिससे उनकी TRP बढ सके.
देश के जवानों की मौत का बदला कब लिया जायेगा ये पूछने की जगह मोदी जी के जूतों का क्या होगा यह बताने में व्यस्त हैं आज मीडिया.
Zee वाले फोटो लेने में व्यस्त थे इसलिए साहेब ने खुद उतारे अपने जुते



और करे भी क्या? पैसे जो मिल रहे हैं इतने.....



मीडिया ने छापा कि सेना ने 10 पाक सैनिक मारे, जबकि सेना इससे इनकार किया है, इनको झूठ फैलाने के लिए 11अरब दिए सरकार ने?








आज मोदी जी पतंजलि के उद्घाटन के लिए हरिद्वार गए हैं ,मीडिया वाले ऐसे दिखा रहें जैसे साहेब पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मिसाइल छोड़ने का उद्घाटन करने गए हों....








जंतरमंतर पर तामिलनाडु के किसान खु:द का मुलमुत्र पिने को मजबुर है!
न्युज बन रही है बरखा सिंह बेजेपी में शामिल!

मीडिया वालों थोड़ा वक्त बचा हो तो सिर मुंडे इन चेहरों की तरफ़ भी देख लेना क्योंकि इन बेबस चेहरों को भी कवरेज की शख़्त ज़रूरत है...




विजय माल्या की गिरफ्तारी के समय में मीडिया ने मोदी गाथा शुरु भी नही की थी और माल्या रीहा भी हो गया.
मीडिया और भक्त भरपूर तालियॉ भी नही बजा पाये थे कि खबर आगयी कि माल्या की जमानत हो गयी और वह रिहा हो गया है .
माल्या की गिरफ़्तारी की खबर आते ही दलाल मीडिया इसे मोदी की उपलब्धि बता गुण गान करना शुरू कर दिया था. लेकिन जमानत की खबर मिलते ही तीन तलाक गाने लगें...










ये सब न्यूज रिपोर्टरों को भाजपा की सदस्यता ले लेनी चाहिए इससे भविष्य में ये भी कभी मुख्यमंत्री बन सकते हैं, और अवार्ड ले शके. बिना मतलब के रोड शो किये जाते है प्रतिमा लगाया जाता है हेलिकॉप्टर से फूल बरसाये जाते है NSG कमांडो भेजा जाता है अरबो रूपये ऐसे फूंके जा रहे पर मीडिया तारीफों के पुल बांधे जा रही है पर ये ही मीडिया मायावती जी द्वारा लखनऊ में लगाये गये दलित, पिछड़े महापुरुषों की प्रतिमा पर शोर मचा रही थी.
चैनलों पर हर दिन ढेरों डिबेट लगाइ जा रही है.
पर डीबेट से ये मुद्दे गायब है...
महंगाई
जीडीपी
किसानो की समस्या
बेरोजगारी
एच1-बी वीजा..

बस उलझाने काम ही हो रहा है मीडिया के द्वारा.
कोई नफरत की बात करे तो मीडिया खुशी से झूम उठती हैं लेकिन किसान,मज़लूम,गरीब,अपने हक़ के लिए लड़े तो मीडिया सो जाती है... मीडिया को करोड़ो रुपया झूठ को सही और सही को झूठ दिखाने के लिए मिलता है. ये सब मिल कर देश को गर्त की ओर ले जा रहे है.
देश को असली मुद्दे से भटकाकर फालतू के मुद्दे पर बहस कर देश के लोगों का ध्यान बांटते है.

राजाओं को तवायफे खुश करतीं थी आज ये काम दलाल मीडिया करतीं है !!!

- विशाल सोनारा


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