June 18, 2017

चंद्रशेखर आजाद की रिहाई के लिए आज भिम आर्मी के सिपाही यों की जन्तर मन्तर पे फिर दहाड


18/06/2017 
Delhi , Jantar Mantar
क्रीकेट मेच से अगर फुरसत मील जाये तो एक बार ये भी देख लेना साथीयो.

आज जंतर मंतर पर बडी तादाद मे आंबेडकराईट लोगो का विरोध प्रदर्शन था. सरकार की दलीत विरोधी नीतीयो के चलते भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आझाद और भीम आर्मी के 30 कार्यकरो पर सरकार द्वारा की गई कार्यवाही का विरोध करने देश भर मे से समर्थक जुटे थे.

जीन दलीतो के 55 से ज्यादा घरो को जला दीया गया और हाथ पैर काट दीये गये बाद मे भी बहोत ही हिंसा की गई उन पर ही ये सब आरोप घडा जा रहा है. न्याय की धज्जीया उडा कर अपने हिंसक समर्थको का सरकार बचाव करने मे इतनी बेशर्म होती जा रही है की खुद जीन पर अत्याचार हुए उन को ही अब दोषी बना रहि है.

शब्बीर और गांव के लोग अभी भी दहेशत मे जी रहे है.
हिंसा के विरोध मे भीम आर्मी ने पंचायत बुलाई थी उस पंचायत को नाकाम बनाने की सरकार की कोशीषो ने इतने हद तक अपना दलीत विरोधी चहेरा दीखाया की अब पीडीत समुदाय ही गुनेहगार है योगी मोदी सरकार मे.
मोदीजी और योगीजी हमे बताये की इन सारे मामले को क्यो "Government Sponcered Riot" ना कहा जाये???

राजपुतों ने योगी-मोदी जिंदाबाद नारा लगाकर तांडव मचाया : अग्नि भाष्कर बोध, पीड़ित, शब्बीरपुर

दलितों के घर फूंके गए और सजा दलित ही भुगत रहे हैं. : शब्बीरपुर की पीड़िता अरुणा।


















(Creted By Vishal Sonara)


क्या ईंसानको जिवन जीने के लिए धर्म की जरुरत है??? : विजय जादव

हमारी धरती मतलब पृथ्वी पहले आगका गोला थी,
ठंडा होने मे उसे लाखो साल लगे। बहोत सारी सायंटीफीक थीयरी है उस मे।
और कई लाख वर्ष बीतने के बाद ईंसान की उत्पत्ति हुई!

पहले का ईंसान आदिमानव कहलाता था।
जो जीवन जीने के लिए सीर्फ और सीर्फ शिकार पर निर्भर रहता था। धीरे धीरे उसने जिंदगी को और मजे से जीने के लिए नयी नयी खोज की।
जंगलोमे गुफाओमे घुमता फीरता आदमी अब घर,  नगर,  प्रदेश बनाकर एक जगह रहने लगा, और सभ्यता का नीर्माण करने लगा।
उसने अपनी जिवन जीनेकी पद्धति का निर्माण कीया जो आगे चलकर संस्कृति कहलाई।
अलग अलग प्रदेशो के ईंसान ने अपनी अपनी  संस्कृति और रोजमर्रा के जीवन को ध्यानमे रखकर नियम बनाए।
उसपर कुछ जाग्रुत व्यक्तिओने अपने सदविचार प्रस्तुत कीये। जैसे की जीसस, मोहम्मस पयगंबर साहब, गौतम बुद्ध और कई लोगो ने वह इंसान ही थे। और इतीहास पर नजर करे तो हमे ये प्रतीत होगा की और भी ऐसे कई लोग होंगे पर आज हम उन के बारे मे जानते नही है उन को भुला दीया गया है या तो उनका नाम गुम कर दीया गया है बौध्धीक आतंकवादीओ के द्वारा।
कुछ चालाक व्यक्तिओने ऐसे सभी नीयमो और सदविचारो को धर्म मे परिवर्तित कर दीया!!!
चालाक ईंसानो की चालाकी सालो बाद धूर्तता मे परिवर्तित होती रही!
धर्म से भगवान, जीसस, अल्लाह और सब मीथको का निर्माण हुआ!

चालाक लोगोने अच्छे लोगोके अच्छे  विचारो को और मुल हेतुओ को नस्ट कर दिया।  उनका संदेश लुप्त होता गया और इस के कारण आज हम पुरे विश्व मे जो परिस्थिति है उस को देख सकते है।

जीस ईंसान ने अपने व्यवहारु जिवन जीनेके हेतु धर्म का निर्माण कीया था, आज वो उसी धर्म का मानसिक और शारीरिक गुलाम बन गया है।
घर्म पहले जाग्रुत इंसानो के विचार थे दीन प्रतीदीन उसमे नशा जोडा गया और लोगो को अंध बना लीया गया ताकी चालाक लोगो पर कोइ प्रश्न न खडे करे और उनका अपना स्वार्थ सीध्ध होता रहे।
सब अपने अपने हीसाब से धर्म को तोड मरोडने लगे।  चालाक लोगो ने अपनी धूर्तता का बखुबी इस्तेमाल कीया और अपनी ख़ुदग़रज़ी ना छोडी। धर्म मे मानने वाले भोले लोगो को इतना अंध बना दीया गया की उस को खुद का धर्म ही अब सबसे श्रेष्ठ लगने लगा।
पुरे विश्व मे इस अंध मानसीकता के कारण बहोत सा खुन बहा है और आज भी हम देख ही रहे है के क्या हालात है।
क्या धर्म अब ईंसान की जरुरत बन गया है?

ईंसान को जीनेके लिए धर्म की कोई जरुरत नही
मगर धर्मको खुदकी रक्षा के लिए ईंसान की जरुरत है!!!
अगर कुछ अंधे लोगो को हाथी के पास ले जाओ तो वो लोगो के हाथ मे जो आयेगा उसे ही वो हाथी मानने लगेगे। धर्म का भी ऐसा ही है....

-विजय जादव


(Created By Vishal Sonara)

अमीत शाह का और एक एनकाउंटर : गाँधी चतुर बनीया

गाँधी एक चालाक बनिया !
अच्छा शिला दिया है ब्राह्मणों ने गाँधी के वर्ण व्यवस्था को बनाए रखने मे किए गए संघर्षों का ! 
गाँधी बनिया थे और वर्ण व्यवस्था के प्रबल पक्षधर उन्होने अनुसूचित जाति के अधिकारों को समाप्त करने के लिए तथा ब्राह्मणवादी व्यवस्था को स्थायित्व प्रदान करने के लिए 1932 मे पूना के यरवदा जेल मे अपने जान की बाजी लगाकर ब्राह्मणों के हितों की सुरक्षा किया ! 
गाँधी भारत मे प्रसिद्ध नेता हुए ! ब्राह्मणों को यह बात भी हजम नही हुई कि कोई बनिया ब्राह्मणों से ऊपर कैसे हो सकता है ! आखिरकार एक ब्राह्मण नाथूराम गोडसे ने गाँधी की हत्या कर दी ! 
आज एक ठाकुर अमित शाह ने गाँधी को चालाक बनिया कहकर अपनी गंदी मानसिकता का परिचय दे ही दिया ! जब एक दोयम दर्जे का ठाकुर गाँधी जैसे बनिया को सम्मान नही दे सकता तो ब्राह्मण किसी बनिया को कैसे सम्मान देगा ! 
क्या कभी वैश्य/बनिया समाज इस पर विचार करेगा ! 

- मनीश कुमार


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Shameless favour to Private Schools by Gujarat BJP Ministers


In Gujarat BJP ministers, MPs and MLAs are shamelessly favouring and protecting private schools which are impudently flouting rules of the Right To Education act. Here, a letter written by Mr Kavadia, state minister for panchayat and rural housing favours a private school which has expelled five Dalit students.

લ્યો આ પત્ર જયંતી કવાડીયાનો અને પહોંચી જાવ તમામ ગુજરાતી અખબારોના તંત્રીઓની ચેમ્બરોમા અને એમને કહો કે આરટીઈ એક્ટનો અમલ કરવામાં નાગાઈ કરતી મોરબીની સર્વોપરી સ્કુલને છાવરતા ભાજપ પ્રધાન વિષે બે શબ્દો લખો.

- Raju Solanki

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