March 20, 2018

महाड़ जल सत्याग्रह 20 मार्च,1927

By Vishal Sonara || 20 March 2018

91 साल पहले आज के दिन, 20 मार्च,1927 ...को बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर ने करोड़ों अछूतों को पानी पीने का अधिकार दिलाया जो महाड़ जल सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है। 
धर्मांध लोगो की मानसिकता समझने लायक है, जिस तालाब का पानी जानवर तो पी सकते थे लेकिन अछूत समाज के लोग नहीं..!!! अछूत गंदा और हानिकारक पानी पीने पर मजबूर थे...!!! 
बाबा साहब ने 20 मार्च 1927 को अपने अनुयायियों के साथ खुद "चवदर तालाब" का पानी पीकर इस प्रथा को तोड़ा और सत्याग्रह की मिसाल कायम की।
हिन्दू समाज के लिए कितनी शर्मनाक बात है ये की पानी पीने के हक के लिए लोगों को अपना खून बहाना पड़ा था। क्योकि जब बाबा साहब और उनके साथी महाड तलाब पर पानी पिने गए तो पंडितों ने सत्याग्रहीयो पर ईंट-पथ्थरों से हमला कर दिया जिससे बाबा साहब बुरी तरह से घायल हो गए थे परन्तु वो वहा खड़े रहे और कहा, "पानी पीना हमारा भी अधिकार है और ये अधिकार मै ले कर रहुगा।"

उसके बाद बाबा साहब ने अंग्रेजों से कानून पास करवाया के अछूत लोग भी कुएं तालाबों में से पानी पी सकते है। 
ईस से पहले का जो भी महान इतिहास हमें दिखाया जा रहा है वह किस काम का जब उसमें एक बडे तबक्के को साफ सुथरा पानी तक नसीब न हुआ???

हमें ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमे पानी पिने का अधिकार बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने दिया है किसी ब्रह्मा विष्णु महेश ने नही। 
- विशाल सोनारा