November 30, 2017

रोहीत वेमुला पर राजनीति कर रहे लोगो को ये पढ़कर डुब मरना चाहिएं

By Jitendra Makwana




एक बार मैने टीवी पे राजा वेमुला (रोहीत वेमुला का भाई) जो टेंपो चलाते हुए देखा. उसके टेंपो पे जय भीम लीखा हुआ था. वो अपने टेंपो मे एनडीटीवी की रीपोर्टर शीखा त्रीवेदि को अपना ईंटर्व्यु दे रहा था और जबरदस्त अंग्रेजी बोलता था.  उसे टेंपो चलाते देख कर मुजे कुछ समज मे नही आ रहा था मै भावुक हो रहा था. वो बोल रहा था की भाई रोहीत की मौत के बाद उसे परीवार के नीर्वाह के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही था. रोहीत की मा राधीका वेमुला भी अपने पुराने काम सिलाई काम मे लग गई थी. शीखा त्रीवेदी उनका भी ईंटर्व्यु ले रही थी पर मैने शायद ही कुछ सुना हो. मेरे दिमाग मे अभी भी राजा वेमुला का ही ख्याल आ रहा था.  ये सब हो ही रहा था की अचानक मैने अपने वोट्सप पे एक मेसेज को देखा. भावुक हो जाने की वजह से मेरी आंख मे आंसु आ चुके थे. पर फिर भी मैने वोट्सप मे आया हुआ मेसेज देखने के लिए फोन को उठाया. वो मेसेज रविश कुमार (NDTV) का था. वो मुजसे पुछ रहे थे की अगर हो सके तो मे राजा वेमुला से बात करु और उसके लिए कोइ धंधे के बारे मे परामर्श करुं. ये मेरे लिए दुसरा जटका था. क्योंकी रोहीत की मौत के बाद  राजा वेमुला को देश के समस्त दलित समाज का साथ मिल रहा है और राहुल गांधी और केजरीवाल जैसे बडे नेताओ ने तो उसे नौकरी भी दिलवाने का वादा किया थ इस प्रकार की न्युज मैने देखी भी थी.  क्योंकी मे सोच रहा था की राजा को समर्थन करना राहुल गांधी और केजरीवाल के लिए एक राजनैतीक फायदा भी था. और मेरे भाई ने भी मुजे याद दिलाया की पंजाब मे 30% दलित वोट है और केजरीवाल को किसी भी तरह दलितो का दिल जीतना था. इस के कारण केजरीवाल ने राजा वेमुला को नौकरी देने का वादा किया था. और ये बात भी मुजे सही लगी. और मेरे लिए तो सब से ज्यादा विस्मयपुर्ण बात तो ये थी की ओवैसी भी राजा वेमुला की मदद नही कर रहा था.  
आख़िरकार रोहीत वेमुला को केंपस मे सब से बडी लडाई तो याकुब मेमण के मृत्यु दंड के विरोध मे प्रदर्शन करने के कारण ही हुई थी. मेरे दिमाग मे हजारो सवाल घुम रहे थे. आंध्रप्रदेश के पढे लिखे दलित कहा गए??? कैसे उन्होने मदद नही की?? और दिल्ली से रविश भाई को मुजे मेसेज करना पडा. 

अगली सुबह मैने राजा वेमुला को फोन कीया. और उनको मदद करने के उद्देश्य से उन्हे मैने अपनी फैक्टरी पर बुलाया. 

राजा वेमुला मेरे बुलावे पे मुजसे मीलने आये और मेरे दिमाग मे जो भी प्रश्न थे उसको मैने पुछना शुरु कीया. 
मेरा पहला प्रश्न था..
1 जब आप को केजरीवाल की तरफ से दिल्ली मे जोब के लिए ओफर था तो आप टेंपो क्यों चला रहे है??
राजा : केजरीवाल ने मुजे वर्ग 4 की जोब ओफर की थी, इसलिए मैने स्वीकार नही किया.

2 राहुल गांधी ने आप से तिन बार मुलाकात की थी. और कर्णाटका जो की आंध्रप्रदेश के बाजु मे ही है उस मे कोंग्रेस की सरकार भी है. तो उन्होने आप की मदद क्यों नही की?? मै राहुल गांधी का नाम इस लिए ले रहा हु की उनको सिर्फ एक ही फोन करना होता है और काम हो जाता. ऐसे लोगो को सिर्फ एक फोन करना होता है या अपने PA से बोल देना होता है की इस लडके की मदद कर दो. और कुछ ज्यादा किये बीना काम हो जाता. 
राजा :  राहुल गांधी ने मेरी कोइ मदद नही की. 
उस के बाद मैने पुछा , " क्या राहुल गांधी ने आप को कुछ पैसे दिये या इस प्रकार की कोइ सहायता की??
राजा : ना.

उसके बाद मैने राजा से पुछा
3  राजा मेरे भाई तुम्हारे भाई रोहीत वेमुला ने याकुब मेमन की फांसी के खीलाफ आंदोलन कीया उस के लिए लडा वो फिर भी ओवैसी और हैदराबाद के मुस्लीमो ने आप को मदद क्यों नही की???
राजा : ओवैसी से कुछ प्रकार की मदद नही मिली.

 मै ये पुरा मामला जानने के लिए बेसब्र था क्योंकी राजा जो बोल रहे थे ये बात मेरा दिमाग मानने को तैयार नही था.  कैसे राहुल गांधी, केजरीवाल और ओवैसी अपने दलित मसीहा बनने के राजनीतिक हितों की अनदेखी कर सकते थे?? (जैसे की नीर्भया के भाई के लिए राहुल गांधी एक देवदुत बन गये थे और वो पाईलोट  बन पाये थे.) 
बाद मे मैने कहा वो सब दुसरो को छोडो मायावती जी ने आपको और आपकी माँ को दिल्ली में आमंत्रित किया था. सही है ना??
राजा ने कहा हा उन्होने बुलाया था. 
वहा पर क्या हुआ ये बताने को मैने राजा से कहा. 
उन्होंने (राजा वेमुला ने) कहा कि बहनजी ने मुझे और मेरी माँ को आमंत्रित किया था. उन्होने एक सूटकेस तैयार रखा था. हम जब वहा गये तो उन्होने मेरी मां को वो सूटकेस दे दिया. इसमें 10 लाख रुपये थे...!! और उन्होने हमारे साथ 2 घंटे बिताए और मेरी माँ से बातें की.


फिर मैने पुछा वो आपको जो पैसे मीले थे उसका आपने क्या किया?? और जब तुम्हारे पास ये पैसा है तो फिर टेंपो क्यो चला रहे हो?
उन्होने जो जवाब दिया उस जवाब ने मुजे अंदर से झिंझोड़  दिया. 

रोहीत की मौत के बाद की स्थीती अलग थी. उस के पहले रोहीत और वो खुद (राजा) कमा रहे थे और घर चल जाता था. पर रोहीत के जाने के बाद घर मे कोइ कमाने वाला नही रहा. और रोहीत के लिए ईंसाफ की लडाई लडने के लिए जहा भी जाते थे उस मे जे ज्यादातर जगहो पर वो खुद अपने पैसो से ही गए है. और भी बहोत से खर्च करने मे वो राशी काम मे आई थी.  जो भी खर्च और ये सब करने के बाद उस पैसो मे से टेंपो खरीदा.  अब उस मे से शायद ही कुछ पैसा बचा हो. 
तो इस प्रकार वो 10 लाख रुपयो मे से ज्यादातर पैसा रोहीत की लडाई मे खर्च हुए. 

नीर्भया के लिए तहे दिल से सम्मान के बावजुद मे राहुल गांधी की कडी आलोचना करता हु.  अगर नीर्भया के भाई को भी मदद की गई तो रोहीत वेमुला के भाई को क्यो नही???

और अगर राहुल गांधी रोहीत के भाई राजा वेमुला को कोई अच्छी नौकरी दिलवा नही रहे है तो वो कीस हक से अपने आप को दलितो का हितैषी बता रहे है???

- जीतेन्द्र मकवाणा
(अंग्रेजी से हिन्दी रूपांतरण विशाल सोनारा)