सरकारी स्कुलो के गिरते स्तर और करोडो दलित स्टुडन्ट्स को सही तालीम न दे पाने की नाकामी को एक दो बच्चो को टोप कराकर छुपाया जा रहा है।
हमे एक दो को टोप नही कराना है, सारे दलितो को, पिछडो को, आदिवासी व मुसलमानो को शिक्षा के समान अवसर मिले उस पर ध्यान देना है।
याद रहे, ऐश्वर्या और सुस्मिता को विश्व सुंदरी का खिताब दे कर विदेशीओ ने भारत से कोस्मेटिक्स और ब्युटि प्रोडक्ट्स का अरबो का धंधा कर लिया। अब धंधा जम गया तो दुसरे देशो से विश्व सुंदरिया बनायेंगे! उसी टेकनीक को युज किया जा रहा है।
बडे ही शातिर और कमीने लोग है ये। मतलब के बगैर कुछ भी नही करते है ये लोग। अनुसुचित जाति के लोगो मे भ्रम फैलाया जा रहा है कि वे पढाई मे सब से बेस्ट है, जब कि वास्तविकता यह है कि सही तालीम के अभाव मे करोडो बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित है।
वर्ना वो दिन कंहा कि मियां के पांव में जुती??
सुर को पकड के रखो। भटको मत।
~ अरुण पटेल
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