हम बस सिर्फ चिल्लाते ही रहते है... कुत्तों की तरह भौंकते ही रहते है, सरकार ने ये कर दिया, सरकार ने वो नहीं किया, मनुवादियों ने ये किया, मीडिया ने ये किया...
क्या बोलने की सिवा हमने कभी प्रयास किए ?
हमारा कोई मीडिया शुरू होता है तो हमारे लोग ही सपोर्ट नहीं करते है और मनुवादी मीडिया के ऊपर चिल्लाते रहते है कि हमारी खबर नही दिखाता, वो क्यों दिखाएंगे हमारी बात या हमारा सच ? बनाओ खुद का मीडिया और दिखाते रहो पूरे दिन अपनी बात... है हैसियत ??? या सिर्फ बातें ही करनी है ?
सरकार ने वेबसाइट से बाबासाहेब के वॉल्यूम हटा दिए... तो खुद अपनी साइट बनाओ और डालो न सभी बुक किसीने आपको मना किया है ?
सरकार अब बाबासाहेब के वॉल्यूम नहीं छापती... अरे भाई हमारे कितने सारे प्रकाशन है जो बाबासाहेब के सभी वॉल्यूम छापती है कभी आपने खरीदे ?
सरकार ये अन्याय कर रही है वो अन्याय कर रही है बोलते रहते है मगर आपने कभी खुद की सरकार बनाने के प्रयास किए ???
सवर्ण जाति ने दलितों पर अत्याचार किया, जुल्म किया आदि आदि... क्या आपने कभी उनको चमत्कार दिखाया ?
निर्भया कांड में फांसी की सजा हुई तो डेल्टा कांड में क्यों नहीं ये सवाल हम सोसिअल मीडिया पे करते है मगर दिल्ली में जो निर्भया के लिए कैंडल मार्च हुआ था ऐसा मार्च कभी हमने किया ?
न्यूज़ पेपरवाले ने हमारी ये खबर नहीं छापी उसका बहिष्कार करो... मगर क्या हमने कभी ये प्रयास किये की हमारा खुद का दैनिक पेपर निकाले और उसमें हमारी पूरी खबरे छाप दे !
बस सिर्फ बातें ही करनी हैं, काम नहीं...
बाबासाहेब को मानते है मगर उनकी बातों को नही...
जब तक संगठित नहीं होंगे तब तक बस हमारी औकात गली के कुत्तों के जैसी ही रहेगी। कब सुधरेंगे हम ? कब समझेंगे हम ?
अगर सफल होना है और आगे बढ़ना है तो संगठित होना पड़ेगा... अभी भी वक्त है संगठित हो जाओ अन्यथा सहारनपुर में जो 25 घर जले है वैसे हररोज हर गांव में जलेंगे।
पहले जातिवाद ने हमें तोड़कर रखा था... हमे एक नहीं होने दिया और आज यह संस्था वाद ने हमें तोड़ दिया है। जातिवाद, संस्थावाद और अपना अहम छोड़ो और एक हो जाओ... यह अस्तित्व की लड़ाई है जो हम सभी को साथ मिलकर लड़नी पड़ेगी।
हमारे लोगों को मदद करो... प्रोत्साहित करो... हमारे युवाओं को आगे बढ़ाओ...
- संजय पटेल
क्या बोलने की सिवा हमने कभी प्रयास किए ?
हमारा कोई मीडिया शुरू होता है तो हमारे लोग ही सपोर्ट नहीं करते है और मनुवादी मीडिया के ऊपर चिल्लाते रहते है कि हमारी खबर नही दिखाता, वो क्यों दिखाएंगे हमारी बात या हमारा सच ? बनाओ खुद का मीडिया और दिखाते रहो पूरे दिन अपनी बात... है हैसियत ??? या सिर्फ बातें ही करनी है ?
सरकार ने वेबसाइट से बाबासाहेब के वॉल्यूम हटा दिए... तो खुद अपनी साइट बनाओ और डालो न सभी बुक किसीने आपको मना किया है ?
सरकार अब बाबासाहेब के वॉल्यूम नहीं छापती... अरे भाई हमारे कितने सारे प्रकाशन है जो बाबासाहेब के सभी वॉल्यूम छापती है कभी आपने खरीदे ?
सरकार ये अन्याय कर रही है वो अन्याय कर रही है बोलते रहते है मगर आपने कभी खुद की सरकार बनाने के प्रयास किए ???
सवर्ण जाति ने दलितों पर अत्याचार किया, जुल्म किया आदि आदि... क्या आपने कभी उनको चमत्कार दिखाया ?
निर्भया कांड में फांसी की सजा हुई तो डेल्टा कांड में क्यों नहीं ये सवाल हम सोसिअल मीडिया पे करते है मगर दिल्ली में जो निर्भया के लिए कैंडल मार्च हुआ था ऐसा मार्च कभी हमने किया ?
न्यूज़ पेपरवाले ने हमारी ये खबर नहीं छापी उसका बहिष्कार करो... मगर क्या हमने कभी ये प्रयास किये की हमारा खुद का दैनिक पेपर निकाले और उसमें हमारी पूरी खबरे छाप दे !
बस सिर्फ बातें ही करनी हैं, काम नहीं...
बाबासाहेब को मानते है मगर उनकी बातों को नही...
जब तक संगठित नहीं होंगे तब तक बस हमारी औकात गली के कुत्तों के जैसी ही रहेगी। कब सुधरेंगे हम ? कब समझेंगे हम ?
अगर सफल होना है और आगे बढ़ना है तो संगठित होना पड़ेगा... अभी भी वक्त है संगठित हो जाओ अन्यथा सहारनपुर में जो 25 घर जले है वैसे हररोज हर गांव में जलेंगे।
पहले जातिवाद ने हमें तोड़कर रखा था... हमे एक नहीं होने दिया और आज यह संस्था वाद ने हमें तोड़ दिया है। जातिवाद, संस्थावाद और अपना अहम छोड़ो और एक हो जाओ... यह अस्तित्व की लड़ाई है जो हम सभी को साथ मिलकर लड़नी पड़ेगी।
हमारे लोगों को मदद करो... प्रोत्साहित करो... हमारे युवाओं को आगे बढ़ाओ...
- संजय पटेल
No comments:
Post a Comment