March 14, 2018

मानसिक रोगियों , आरक्षण को बदनाम करना बंद करो

By Vishal Sonara || 13 March 2018



ये 12 मार्च 2018 को डिकलेर हुआ GPSC क्लास 1 और क्लास 2 के रिजल्ट का एनालीसीस है. अक्सर आरक्षण के बारे मे लोगो के दिमाग मे गलत धारणाए होती है. आईये देखते है वो धारणाए कितनी गलत या सही है.

➡️ ओपन कैटेगरी पुरुष के लिए कट ऑफ है 463.50
  • SC पुरुष के लिए 463.00 , 0.50 मार्क्स का फर्क है, पुरा एक मार्क भी नही.
  • SEBC पुरुष का कट ऑफ 450.25 , इस मे 13.25 मार्क्स का फर्क.
  • ST पुरुष का कट ऑफ 410.50 , इस कैटेगरी मे 53 मार्क्स का फर्क है


➡️ ओपन महिला के लिए कट ऑफ है 454

  • SC महिला का कट ऑफ 449,  जो की ओपन के कट ऑफ से 5 मार्क्स ही कम है.
  • SEBC महिला का कट ऑफ 434.50,  इस मे 19.50 मार्क्स का फर्क है.
  • ST महिला का कट ऑफ 391.75, जो की 62.25 मार्क्स का फर्क होता है. 

इस तरह मार्क्स मे फर्क कैटेगरी के हिसाब से अलग अलग है, जो की आधे मार्क से लेकर 62.25 मार्क्स तक जाता है. अब कुल मार्क्स होते है 1000 इस मे से ज्यादा से ज्यादा फर्क रहता है 62.25 मार्क्स का तो परसेंट के हिसाब से देखे तो डिफरेंस 6.225% बनता है. 0.05 से लेकर 6.225% तक का अंतर रहता है.
हार्दिक पटेल और कंपनी ने SC ST OBC जनता के बारे मे जो झूठ फैला रखा है कि 40% वाले नौकरी कर रहे हैं और 90% वाले रह जाते हैं. तो ये सब अगर दिमागी दिवालीयेपन के बीना देखा जाए तो हार्दिक पटेल की झूठी बातों से दुर दुर तक कनेक्शन नही बनता. मुजे तो शक है अनपढो को परसेंट और मार्क्स मे फर्क भी पता होगा या नही.

इस तरह का जुठ लंबे समय तक फैलाने के प्रायश्चीत स्वरुप हार्दिक पटेल को आरक्षण प्राप्त वर्गो की (जो की इस देश के 85% लोग है) माफि मांगनी चाहिए.


अब रीजल्ट का थोडा डेटा एनालीसीस करते है.
टोटल 335 केंडीडेट सफल हुए.
उसमे "24 SC" , "53 ST", "104 OBC" और "2 विकलांग" (1 विकलांग SEBC मे सामील है) है.
और बाकी के "152 ओपन" कैटेगरी के उम्मीदवार.

इन 152 ओपन उम्मीदवारों मे सभी की सरनेम के अनुसार य देखा जाए तो 28 सरनेम ही पटेल है, बाकी की पेटा सरनेम वाले पटेल जाति के लोग अलग से. जैसे की रोल नं 106082046 की सरनेम इटालीया है, वो सरनेम पटेल जाति मे आती है. बाकी के लोगो की सरनेम मे ज्यादातर सवर्ण सरनेम ही है जैसे की शाह, भट्ट, देसाई, दवे, त्रीवेदी वगैरह है. आबादी अनुसार देखा जाए तो जीनकी 15% से भी कम पॉप्युलेशन है वो सब से ज्यादा सीटो पर कबजा किए हुए है.
इस बात पर कोई शक नहीं कि अगर रीजर्वेशन न होता तो SC ST OBC मे जो लोग सफल हुए है उनकी जगह पर भी ये ही लोग होते. इस लिए आरक्षण कोइ कम प्रतिभा वालो को बडे पदो पर बीठा देने का मामला नही है पर वो प्रतिनप्रति प्रदान करने की संवैधानिक व्यवस्था है. वैसे भी ज्यादातर अनामत कैटेगरी के लोगो के इंटर्व्यु के मार्क्स देख कर ही पता चल जाता है की गपला कहा हो रहा है.

अब नौकरी मे आरक्षण से चयनीत उम्मीदवारों की प्रतिभा के बारे मे थोडे उदाहरण :
  • एससी कैटेगरी से रोल नं 116160435 दिव्यप्रकाश गोहिल है, जीनके टोटल मार्क्स है 500.25, अब ओपन कैटेगरी मे 129 लोग ऐसे है जीनको 500.25 से कम मार्क्स आए है फिर भी उनका सीलेक्शन हो चुका है. 
  • ओबीसी कैटेगरी से रोल नं 126227664 कुमारी सरयु को 512 मार्क्स है, ओपन कैटेगरी मे 152 मे से 145 लोगो से आगे है. सिर्फ 7 लोग ही उनके आगे है, 145 ओपन कैटेगरी वाले इनसे कम मार्क्स होते हुए भी चयनीत हो गए है. 
  • एसटी कैटेगरी मे रोल नं 132292087 कौशीक जादव का है, उनके मार्क्स है 462.25. वो ओपन कैटेगरी के 17 लोगो से आगे चल रहे है. उनसे भी कम मार्क्स वाले 17 लोग ओपन कैटेगरी मे चयनीत हुए है. 


आप ही बताओ कौन ज्यादा प्रतिभा लेकर नौकरी कर रहा है और कौन कम????

आरक्षण के नाम पर लोगो मे सनसनी फैलाकर अपनी राजनीती चमकाते रहना बहोत पुरानी आदत बन चुकी है कुछ लोगो की. उनकी औलादे भी ये ही कर रही है. बच के रहीए इनसे.

- विशाल सोनारा

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