By Jigar Shyamlan || 14 February 2018 at 9:16am
यदी भारत के सभी मंदीरो का राष्ट्रीयकरण कर दीया और उसकी सारी संपत्ती को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर दीया जाये तो ईन्सान को मंदीर में जाने की जरुरत ही नही पडेगी..!!
आप सबको यह बात एक पहेली जैसी लगेगी। भला मंदीर का राष्ट्रीयकरण करने से और संपत्ति को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर देने से यह कैसे संभव हो सकता है..??
आईए ईस बात को कुछ विस्तार से समझने का प्रयास करे।
लेकीन ईस से पहले मै आपसे कुछ सवाल पूछना चाहुंगा, जिसका जवाब देना है। यदी आप सवाल को समझलेंगें तो जवाब भी मिल ही जायेगा।
मेरा पहला प्रश्न है कि ईन्सान मंदीर में क्यो जाता है..??
जितने लोग होंगे उतने ही जवाब ईस प्रश्न पर मिलेंगें। क्योकि मंदीर जाने के लिये हर ईन्सान की भिन्न भिन्न मंशा होती है। भिन्न भिन्न आशाये होती है। भिन्न भिन्न मांगे होती है।
(१). स्वास्थ्य संबंध में
(२). अच्छी शिक्षा के सबंध में
(३). भौतिक सुख सबंध में
(४). सामाजिक प्रतिष्ठा सबंध में
मतलब यह चार परिबल है जिसकी कामनाये ईन्सान को मंदीर मे जाने के लिये प्रेरीत करती है।
फिर कोई अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिये जाता होगा। कोई अपनी कुछ बिमारी दूर करने के लिये जाता होगा। अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके उसके लिये यहां जायेगा। कोई पढाई में अच्छे नंबर पा ने की कामना करेगा। भोतिक सुख का सीधा सबंध पैसे और दौलत से जूडा है। ईस हिसाब से जिस के पास नौकरी नही वो नौकरी मांगेंगा। जिसका धंधा है वोह धंधे में बढोतरी की कामना करेगा।
अब यह सारी अलग अलग कामनाओ की पुतिँ के हेतु मंदीर में जानेवाला ईन्सान युं ही नही जाता होगा। वो अपने साथ मंदीरो में चढाए जानेवाले चढावा, पुजा की सामग्री और अंत में दानपेटी में डालने के लिये अपनी हैसीयत के अनुसार दान यांनि कि पैसा भी ले कर जायेगा।
अब ईतनी सारे ईन्सान होगें तो बहोत सारी कामनाये होंगी। और बहोत सारी कामनाये होंगी तो सीधी बात है मंदीरो में उसके हिसाब से दान भी आयेगा। मतलब किसी की भी कामना पुरी हो या न हो दान आने की प्रक्रिया कभी रूकेगी नही।
अब मंदीरो का राष्ट्रीयकरण कर के, उसकी सारी संपत्ति को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर के और वो सारी संपति को आरोग्य, शिक्षा, स्कील डेवलपमेन्ट एवंम रोजगार उपलब्धी और सामाजिक अधीकारीता के क्षेत्र में लगाया जाये तो सभी क्षेत्रो में और बेहतर सुविधाये समाज के हर वगँ को मिल सकती है।
ईस से क्या फायदा होगा..
1. आरोग्य के क्षेत्र में यह पैसा लगाने से स्वास्थ्य विषय सेवा में बढोतरी होगी। हर गांव में आरोग्य सेवा का विस्तार होगा। लोगो को सरलता से हर प्रकार की अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिलेगी।
2. शिक्षा के क्षेत्र मे यह पैसा लगाने से स्कुल, कोलेज और अन्य शिक्षा सबंधी नये ईन्स्टिट्युट खुलेंगें। अच्छी और बेहतरीन शिक्षा के लिये ज्यादा पैसा खचँ नही करने पडेगें। गरीब से गरीब छात्र भी पढ सकेगें।
3. स्कील डेवलपमेन्ट और रोजगारी क्षेत्र मे यह पैसा लगाया जाये तो काफी अच्छे परिणाम आ सकते है। नये छोटे उधोगो को काफी बढावा मिलेगा। जिससे रोजगार के नयी संभावना बढेगी।
4. ऐसा करने से ईन सब क्षेत्रो में फायदा तो होगा ही पर सबसे बडा फायदा देश के टेक्स पेयर्सँ को होगा। क्योकि मंदीरो की संपत्ति राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर के वो संपत्ति शिक्षा और आरोग्य सेवा को और बेहतर बनाने के लिये सरकार लगायेगी तो फिर ईन क्षेत्रो के हेतु टेक्स नही बढाना पडेगा। जब टेक्स कम होंगे तो मंहगाई भी कम होगी। महंगाई कम होगी तो हर एक को रोटी मिलेगी। धीरे धीरे खुशहाली आयेगी।
मंदीरो का राष्ट्रीयकरण करने से। मंदीरो की संपत्ति राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर के उसको राष्ट्रनिमाँण में लगाने से यह सब संभव हो सकता है। और यह सब संभव होगा तब किसी के पास कोई कामना नही रह जायेगी और जब किसीकी कोई कामनाये ही नही होंगी तो सीधी सी बात है मंदीरो में जाना अपने आप ही बंध हो जायेगा।
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