May 14, 2017

आप लोगो पर ही जुल्म क्यों होते है ? : संजय पटेल

आप लोगो पर ही जुल्म क्यों होते है ?


                मैंने वास्तविकता का यह जो विश्लेसण किया है यदि यह सत्य है तो उससे जो सिद्धांत निकलेगा, उसे भी आप लोगों को स्वीकार करना होगा, और वह यह है की आप अपने ही व्यक्तिगत सामर्थ्य पर निर्भर रहेंगे तो आपको इस अन्याय का प्रतिकार करना संभव नहीं है। आप लोगों के सामर्थ्यहीन होने के कारण ही आप लोगों पर सवर्ण हिन्दुओ द्वारा अत्याचार और अन्याय होता है; इसमें मुझे किसी भी प्रकार का संदेह नहीं है। इस क्षेत्र में केवल आप ही अल्पसंख्यक है, ऐसी बात नहीं है। आप की तरह यहाँ मुस्लिम भी अल्पसंख्यक है। जिस तरह महार, चमार, मांगों के दो-चार घर गांव में होते है। उसी प्रकार मुसलमानो के भी दो-चार मकान गांव में होते है। किन्तु इन मुसलमानो पर आँख उठाकर देखने की किसी भी सवर्ण हिन्दू की मजाल होगी ? नहीं ! किन्तु आप लोगों पर ऐसे जुल्म ढाए जा रहे है, ज्यादतियां हो रही है, इसका कारण क्या है ? मुसलमानो के दो माकन होने पर भी कोई सवर्ण हिन्दू उनकी और आँख उठाकर भी नहीं देख सकता। आप लोगों के दस माकन होने पर भी सवर्ण जातियां, अन्याय और अत्याचार करती है। आप की बस्तिया जला दी जाती हैं। आपकी महिलाओं पर बलात्कार होता है। आदमी, बच्चे और महिलाओं को जिन्दा जला दिया जाता हैं। आपकी महिलाओं को बहु और जवान बेटियों को नंगा कर के गांव में घुमाया जाता है। यह सब क्यों होता है ? यह एक बहुत ही मत्वपूर्ण प्रश्न है। इस बात पर आप लोगों को गंभीरता से सोचना चाहिए और तथ्यों पर चिंतन और खोज करनी चाहिए।

                   मेरी दॄष्टि में इस प्रश्न का एक ही उत्तर है, और वह यह की उन दो मुसलमानों के पीछे सारे भारत के मुसलमान समाज की शक्ति और सामर्थ्य है। इस बात की सवर्ण हिन्दू समाज को अच्छी  तरह जानकारी होने के कारण उन दो घरों के मुसलमानों की ओर टेढ़ी आँख उठाकर देखने की किसी भी हिन्दू सवर्ण समाज की हिम्मत नहीं है। इन दो घरों के मुसलमानों की ओर किसी सवर्ण हिन्दू ने टेडी उंगली भी उठाई तो पंजाब से लेकर मद्रास तक और गुजरात से लेकर बंगाल तक सम्पूर्ण मुस्लिम समाज अपनी शक्ति खर्च करके उनका संरक्षण करेगा। यह विश्वास सवर्ण हिन्दू समाज को होने के कारण वे दो घर के मुसलमान निर्भय होकर अपनी जिंदगी व्यतीत करते हैं।  किन्तु आप अछूतों के बारे में सवर्ण हिन्दू समाज की यह धारणा बन चुकी है, और यह सच भी है की आप को कोई मदद करने वाला नहीं है। आप लोगों के लिए कोई दौड़कर आने वाला नहीं है। आप लोगों को कोई रुपये-पैसों की मदद करने वाला नहीं है, और न ही आपको सरकारी अधिकारीयों की मदद मिलने वाली है। पुलिस, कोर्ट, और कचहरियां यह सब सवर्ण हिन्दुओं की होने के कारण सवर्ण हिन्दू और अछूतों के सँघर्ष में वे जाती, बाद में और कुछ, और जातिवालों को भी इस बात का पूरी तरह विश्वास होता है की हमारा कौन क्या बाल-बांका कर सकता है। आप लोगों की असहाय स्थिति के कारण ही आप पर सवर्ण हिन्दू समाज ज्यादतियां, अत्याचार और अन्याय कर रहा है। 
                   मैंने यहाँ तक जो विश्लेषण किया है उससे दो बातें सिद्ध होती हैं। उसमें से पहली बात यह है की बिना सामर्थ्य के आपको इस अत्याचार और अन्याय का प्रतिकार करना संभव नहीं है। दूसरी बात यह है की आज आपके हाथ में प्रतिकार के लिए आवश्यक सामर्थ्य नहीं है। यह दो बातें सिद्ध हो जाने के बाद तीसरी बात अपने आप ही सिद्ध हो जाती है, और वह यह है की, आप आवश्यक सामर्थ्य को कैसे प्राप्त कर सकते है ? यह सचमुच महत्वपूर्ण प्रश्न है और आप लोगों को इस बात पर निर्विकल्प दॄष्टि से चिंतन और मनन करना चाहिए। 




== संजय पटेल ==

Reference:

धर्मान्तरण क्यों  ? - Dr. Amebdkar


No comments:

Post a Comment