May 17, 2017

ब्राह्मण मुसलमान विरोधी घृणा आंदोलन क्यों चलाता है? - संजय पटेल

क्योकि ब्राह्मणवाद और बुद्धिज्म के टकराव के समय बहुत से बौद्धिष्ट मुसलमान बन गये थे उन्होंने ब्राह्मण धर्म को नहीं अपनाया था। ब्राह्मण जानता है कि आज भारत में जितने भी मुसलमान है वो सब मूलनिवासी है इसीलिए ब्राह्मण मुसलमानों के खिलाफ घृणा का आंदोलन चलाते रहता है ताकि ब्राह्मण किसी भी तरह मूलनिवासियों की एक शाखा को पूरी तरह खत्म कर सके।

अंग्रेजों के गुलाम ब्राह्मण था और उनके गुलाम मूलनिवासी थे। आज़ादी की जंग में आज़ादी के लिए आंदोलन करने वाले लोगों के सामने यह सबसे बड़ी समस्या थी। इसीलिए डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने अंग्रेजों को कहा कि ब्राह्मणों को आज़ाद करने से पहले मूलनिवासी बहुजनों को जरुर आज़ाद कर देना चाहिए। अगर ब्राह्मण मूलनिवासियों से पहले आज़ाद हो गया तो ब्राह्मण मूलनिवासियों को कभी आज़ाद नहीं करेगा। ये आशंका सिर्फ डॉ. भीम राव अम्बेडकर के मन में ही नहीं थी बल्कि मुसलमान नेताओं के मन में भी थी। इसीलिए 14 अगस्त को पाकिस्तान बना। मुसलमानों ने अंग्रेजों को कहा कि गाँधी से एक दिन पहले हमे आज़ादी देना और हमारे बाद गाँधी को देना। अगर तुमने पहले गाँधी को आज़ादी दे दी तो गाँधी बनिया है हमको कुछ नहीं देगा। ब्राह्मणों ने अपनी आज़ादी की लड़ाई मूलनिवासियों को सीडी बनाकर लड़ी और वो अंग्रेजों को भगा कर आज़ाद हो गये।

DNA संशोधन से सामने आया कि ब्राह्मण, राजपूत और वैश्य भारत के मूलनिवासी नहीं है। व्यवहारिक रूप से भी देखा जाये तो ब्राह्मणों ने कभी भारत को अपना देश माना भी नहीं है। ब्राह्मण हमेशा राष्ट्रवाद का सिद्धांत बताता आया है लेकिन खुद कितना देशभक्त है ये बात किसी को नहीं बताता। इसका मतलब एक विदेशी गया और दूसरा विदेशी मालिक हो गया, DNA ने सिद्ध कर दिया। दूसरे विदेशी ब्राह्मणों ने ये प्रचार किया कि भारत आज़ाद हो गया। लेकिन आज भी भारत पर ब्राह्मणों का राज है। इससे यह साबित होता है कि मूलनिवासियों को भविष्य में आज़ादी हासिल करने का कार्यक्रम चलाना ही पड़ेगा। DNA परिक्षण के आधार पर यह भी कहा जा सकता है कि आज भी देश के 130 करोड में से 32 करोड लोग बाकि 98 करोड़ लोगों पर राज कर रहा है। कल्पना करो कितना मुलभुत और महत्वपूर्ण संशोधन है।

- संजय पटेल



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