June 12, 2017

RTE कानून को अपनी बपौती समजना बंध करो




अहमदाबाद के रायपुर दरवाजा विस्तार मे स्थीत कांतोडीया वास मे रह रही देवीपुजक समाज की छठ्ठी क्लास की दो बच्चीओ के वालिदैन के पास से जबरदस्ती से आवेदन लीखवाकर महीपत राम रुपराम आश्रम संचालीत जी.सी.प्राथमीक स्कुल ने लीवींग सर्टीफीकेट दे दीया. 
लोगो ने ये बात राजु सोलंकी के ध्यान मे लाते ही उन्हो ने फौरन स्कुल पर पहुंचकर ईस बात का तगडा विरोध दर्ज कीया. वहा हाजीर समाज के कुछ जागृत लो्ग तुरंत ही राजु सोलंकी के साथ  जुड गये और स्कुल के सामने प्रदर्शन और नारेबाजी की. "पढने दो... पढने दो... हमारी बच्चीओ को पढने दो..." ईस गगनभेदी नारे के साथ लोगो ने संचालको के रवैये पर ऐतराज जताया. राहदारी लोगो ने भी अन्याय होता देख प्रदर्शनकारीओ का साथ दीया. राजु सोलंकी ने दृढ़ता के साथ संचालको को आरटीई की कायदा पोथी दीखाई और उनको एहसास दीलाया की अब उनकी मनमानी नही चलने वाली. राजु सोलंकी ने बच्चीओ के परीवार वाले और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओ ने मील कर संचालको की तंद्रा तोड दी. संचालको को तुरंत ही दोनो बच्चीओ को स्कुल मे वापीस लेना पडा. समाज के जागृत वर्ग ने आज दो बच्चीओ को शिक्षण से वंचीत होते से बचा लीया. आज भी वंचीत तबक्के के लोगो के साथ ये अन्याय हो रहा है. अगर हम इन सब बातो का विरोध नही करेगे तो कोइ और भी नही करेगा ये बात हम को समज लेनी चाहीये. शीक्षा के बीना समजदारी संभव नही है और बच्चीओ की शीक्षा तो बहोत ही जरुरी है. डो आंबेडकर ने भी महीलाओ की शीक्षा का महत्व बताया है. 
आप की जागरूकता से वंचीत समाज के बच्चो का भवीष्य नीर्माण हो सकता है. पीछे मत हटीये और राजु सोलंकी जैसी हिम्मत और जसबा दीखाईये. राजु सोलंकी जैसे  हजारो लोग अपनी जीम्मेदारी समज के ईस कार्य को आगे बठाये तो कीतना फर्क पडेगा??
(Created By Vishal Sonara)

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