July 22, 2018

आरक्षण तो युं ही बदनाम है...

By Vishal Sonara 


आरक्षण पर रोने का झुनझुना पकडा कर ये लोग देश को खोखला किए जा रहे है और एवरेज बुद्धीजीवी आरक्षण का विरोध और समर्थन मे ही उलझे रहते है. 
कभी किसी ने नही ध्यान दिया की डोक्टर का बेटा डोक्टर कैसे बन जाता है? सब को लगता है की ये उन के डीएनए मे होगा. 
पर ज्यादातर डोक्टरो के माता-पिता तो डोक्टर न थे तो अब उनका डीएनए डोक्टरो वाला कैसे बन गया?
उनका डीएनए और कुछ नही मैनेजमेंट क्वोटा है. मैनेजमेंट क्वोटा से चपरासी बनने के भी लायक न हो ऐसे लोग डोक्टर बनकर समाज मे आ जाते है और कभी किसी के पेट मे कैची छोड देते है तो कभी लोगो की जेब पर भी कैची चला लेते है.

"अहमदाबाद सिविल होस्पीटल के तिन डोक्टरो ने 2012 में किए ओपरेशन मे महिला के पेट मे कैंची छोड देने के कारण 5 साल बाद मौत हुई.
जो तिन डोक्टर ,जीन्होने ओपरेशन किया था उनके नाम.
- डॉ हार्दिक बिपीनचंद्र भट्ट
- डॉ सलिल पटेल
- डॉ प्रेरक पटेल"

अगर इस खबर मे नाम मे SC ST OBC या Minorities की सरनेम वाले लोग होते तो अब तक आरक्षण के नाम पर झुनझुना बजा रहे लोग देशव्यापी आंदोलन एरेंज कर चुके होते.



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