राम ..जब भी ..
तुम होगे संकट में ..
गुजरोगे वेदनाओं से ..
मदद को हाथ हम ही बढ़ाएंगे ..
तेरे हर कष्ट निवारण हेतु ..
पुल तो हम ही बनायेंगे .....
बन केवट कभी करा देंगे ..
तुझे कष्टों की सरिता पार ..
बन शबरी कभी करेंगे ..
तुझ पर प्यार हम निस्सार ...
क्योंकि युगों से यही तो ..
होता आया है ......
इन्ही निर्बलों शोषितों ने ..
सदा सबल का साथ निभाया है ...
पर क्या तुम दे पाए ...कभी हमारा साथ ?
किया तुमने हर बार प्रतिघात ...
दे धर्म की दुहाई बनाया हर युग में .....
हमें शम्भूक .......
हमारी हर वेदना पर तुम बने रहे मूक ..
तुम पाते रहे ख्याति ले कर हमारा सहारा ..
छीन लिया षड्यंत्रों से तुमने सारा हक़ हमारा ....
पर देख तेरी व्यवस्था को देने ललकार
सहस्त्र बहुजन खड़े आज तैयार
तेरे जुल्मों से न डरे बहके अब तक
तेरी हर वेदना यंत्रणा से उबर जायेंगे
सम्भल जा अब न समझना
की थमने तेरा हाथ सुन ओ
मौकापरस्त राम ! हम आएंगे
-PD
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