August 30, 2017

Poem :- मनुवादी हथकंडे



प्रचार के लिए
देखो ये मनुवादी 
क्या क्या हथकंडे 
अपनाते हैं ,,
देते हैं सजा 
शम्भुक को ..
वही राम .....
जा शबरी के 
बेर खाते  हैं ,,
चढ़ते हैं नाव 
केवट की ,,
उतरने को 
नदी पार ..
हो जाते हैं 
वहीँ देखो 
लेने को 
वानरों की 
मदद तैयार 
खेलते हैं ..
द्रोणाचार्य ,,
जाति का दांव 
ले गुरु दक्षिणा 
देते एकलव्य को घाव 
कभी वाल्मीकि से 
रामायण रचवाते 
और लोकप्रियता की 
पायदान पर तुलसी को चढ़ाते 
कर खुद ही बंटवारा 
देते एकता का नारा 
देते झूठे भुलावे 
बस वादों के बहकावे 
जन जन को लड़वाते 
भाषणों से उकसाते 
युगों से अपने कहे अनुसार 
हमको चलाते हैं 
उलझा हमको 
खुद के अतित्व में 
सीढ़ी  सफलता का 
ये चढ़ जाते हैं ...
-PD

No comments:

Post a Comment