NDTV जितना बता रहा है, उससे ज्यादा छिपा रहा है। हो सकता है कि BJP और केंद्र सरकार से सांठ-गांठ करके अपने विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए किया जा रहा, यह NDTV का ही एक अनूठा exercise हो।
अगर ऐसा है तो यह और भी ज्यादा भयभीत करने वाली बात है। इससे बाद में लोगों को गुमराह करने में उन्हें और भी आसानी हो जाएगी।
इस चैनल से इतने अनुभवी, बुजुर्ग और जानकार लोग जुड़े हुए हैं कि इन्हें तो पहली नजर में ही सच और झूठ के अंतर को समझ जाना चाहिए। फिर भी हमने सैंकड़ों दफा इस चैनल को पक्षपात करते देखा है। ये निरन्तर निर्लज्जता से झूठ को दिखाते रहते हैं, और सच को छिपाते रहते हैं।
उदाहरण के लिए हृदयेश जोशी का EVM के पक्ष में अंधभक्ति दिखाने वाली बात बिल्कुल ही गले नहीं उतरती। इतना खोज खबर रखने वाले लोग कभी ईमानदारी से यह नहीं बताते हैं कि समृद्ध लोकतांत्रिक देशों में इस EVM का उपयोग क्यों बन्द कर दिया गया। वहां के न्यायालय ने EVM के विरोध में क्या कहा। अगर वहां के EVM में internet से जुड़े होने की वजह से गड़बड़ी की जाने की संभावना होती है, तो वे देश यहाँ वाली EVM का क्यों नहीं इस्तेमाल करते। उनके पास तो पैसे भी बहुत हैं!
यह चैनेल कभी भी ईमानदारी से दलितों, पिछड़ों, और अल्पसंख्यकों से सम्बंधित समाचार को नहीं दिखाता। NDTV किसी कमजोर वर्ग के व्यक्ति के साथ शोषण या अपराध की खबर को कभी नहीं दिखाता, और दिखाता भी है तो इस तरह से कि आम जनों को उस खबर की गंभीरता का अंदाज ही नहीं मिल सके।
और भी कई उदाहरण हैं। आप याद कीजिये तो आपको भी याद आएगा।
अगर झूठ और गलत बातों का कोई तुच्छ फायदे के लिए समर्थन करेगा, तो वह उसके दुष्प्रभाव से कैसे बच जाएगा!
अंधा जब मांगेगा तो आंखे ही मांगेगा! मेरी दिली इच्छा है कि NDTV और बाकी सारे News Channels ईमानदारी का रास्ता चुनें, और केवल सच दिखाएं। वह सच जो कमजोरों को न्याय दिलाये। तभी अपना भारत, हम सब का प्यारा देश बन सकेगा।
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