सहारनपुर। कल 23 मई को बीएसपी सुप्रीमो मायावती जी ने सहारनपुर का दौरा किया । मायावती जी शब्बीरपुर गांव के पीड़ितों से मिलने पहुंची थी। जातिवादी नफरत से भरे लोगों ने कुछ अलग ही सोच रखा था ।
मायावती जी के लौटने के तुरंत बाद जब आसपास के गांवों से सभा में शामिल होने आए लोग जब वापिस जाने लगे तो रास्ते में उनपर ठाकुरों ने बंदूक, तलवार और कुल्हाड़ियों से हमला बोल दिया। इसके अलावा एक शख्स को गोली मार दी। गांव के बाहर खेत में घंटों से घात लगाकर बैठे जातिवादी आतंकवादियों ने शब्बीरपुर के महज 500-600 मीटर की दूरी पर ही हमला बोल दिया ।
हमले में दर्जनों लोग घायल हुए जबकि 2 लोगों की मौत हो गई। तलवार बाजी में घायल दो दलितों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। तलवारों और दूसरे हथियारों से लोगों के हाथ पैर पर इस तरह से प्रहार किए गए थे कि देखने वालों का दिल रो पड़े, हमले में गंभीर रूप से घायल लोगों को मेरठ के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 7 घायलों को सहारनपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोगों का आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में लोगों पर हमला हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिस तरह योजनाबद्ध तरीके से हमलावरों ने गाड़ी को निशाना बनाया और भाग गए उससे साफ है कि वे पूरी तैयारी से थे। हमलावरों को मालूम था कि गाड़ियों का काफिला एक बार शुरू हुआ तो फिर वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएंगे।
शाम करीब चार बजे मायावती शब्बीरपुर में सभा कर सरसावा एयरबेस के लिए रवाना हुईं। बड़गांब चौराहे से उनका काफिला सीधे निकल गया, जबकि कुछ लोग सहारनपुर के लिए मल्लीरोड निकले। इसी समय खेतों से निकलकर आए हमलावरों ने हमला कर दिया।
मायावती के निकलने और हमला होने मे महज चंद मिनटों का फांसला रहा..!!!
प्रशासन की नाकामी साफ तौर पर देखी जा सकती है...
सहारनपुर में एक महीने के अंदर ये तीसरा मामला है। पहला मामला 20 अप्रैल का है जब बाबासाहेब की जयंती को लेकर मुसलमानों और दलितों के बीच विवाद कराने की कोशिश की गई थी। उसके बाद दूसरी घटना सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में 5 मई हुई। जिसमें राजपूत समुदाय के लोगों ने दलितों के सैकड़ों घरों में लूटपाट की और 50 से ज्यादा घरों को आग के हवाले कर दिया।
ठाकुरों का आरोप है कि मायावती के आने से पहले दलितों ने उनके घर पर पथराव व आगजनी की थी। जबकि दलित समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती के आने की वजह से ठाकुर चिढ़े हुए थे, जिसकी वजह से उन्होंने हम पर हमला बोला है।
आला अफसरों ने ठाकुरों की बस्ती को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। आसपास के जनपदों से भी पुलिस बल को बुलाया गया है। मेरठ से एडीजी आनंद कुमार शब्बीरपुर के लिए रवाना हो गए हैं। साथ ही गांव में मुजफ्फरनगर व शामली से फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पीएसी बुलाई जा रही है।
जो बंदोबस्त निर्दोष लोगों के लिए होना चाहिए था वह लोगों के मरने के बाद दिया जा रहा है ।
मंगलवार को दलितों पर तलवारों से हुए हमले के बाद अब ओबीसी समुदाय के लोगों पर भी हमला किया गया है। सहारनपुर के नानौता बड़गांव मांर्ग पर ओबीसी समाज के दो लोगों पर हमला किया गया है। यहां एक आदमी को गोली भी मारी गई है।
बताया जा रहा है कि प्रजापति समाज के दो लोगों पर तब हमला किया गया जब वह सहारनपुर के नानोता बड़गांव मार्ग पर रात तीन बजे भट्टे पर जा रहे थे। इस दौरान एक शख्स को गोली मार दी गई। दोनों लोगों को जिला चिकित्सालय भेजा गया है।
क्या पूरे देश में गोधरा, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, झारखंड, कश्मीर जैसे हालात बनने जा रहे हैं???
सहारनपुर (यूपी) की आग देशभर में फैल सकती है. इसके मुख्य कसूरवार सरकारी उदासीनता ही नहीं विध्वंसकारी नीति भी है...
हमारी मनुमीडिया के मुताबिक सहारनपुर हिंसा के लिए मायावती और भीम आर्मी जिम्मेदार। क्या उसकी जिम्मेदारी बिलकुल नहीं जो कानून व्यवस्था संभालनेमें नाकामयाब है?
ये सब घटना क्रम इस बात का सबूत है कि राष्ट्रवादीयों का राष्ट्रवाद और कुछ नहीं शोषित पीडित तबकों का दमन ही है ।
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