लाखों ठोकरो के बाद भी संभलते रहेंगे हम,
गिरकर फिर उठेंगे और चलते रहेंगे हम,
गृह-नक्षत्र जो चाहे लिखे कुंडली मे हमारी,
मेहनत से नसीब बदलते रहेंगे हम....
मित्रो जब से कंप्यूटर का चलन आया है तब से कुंडली मिलान की प्रथा हमारे समाज में सबसे ज्यादा हो गई है । इससे पहले कभी भी हमारे पूर्वज कुंडली का मिलान नही करते थे । कुंडली हि नही बनती थी हमारे लोगो कि क्योंकि पैसा तो था नही दक्षीणा मे देने लायक , और ना ही ऐसी फुरसत ।
आज आप के पूर्वज या माँ बाप जिनको आप अपने जीवन में उच्चतम स्थान देते होंगे । एक बार उनकी कुंडली मिलान करके देखिएगा । मै दावे के साथ कहता हूँ 90% कि कुंडली नही मिलेगी , जब कि सबसे सफलतम परिवार वही होगा ।
आज आप शक्ल-सूरत,पढाई,आर्थिक स्थिति , शहर उम्र सब मिलाने के बाद कुंडली में आकर अटक जाते हो । इस कुंडली मिलान के चक्कर आप सब एक अच्छे जीवन साथी से चूक रहे है ।।
आज हमारा समाज इतना पढा लिखा हो गया है हम वैचारीक दृष्टिकोण से इस देश मे सब से आगे है ये बात को कोइ प्रमाण की जरुरत नहि है, कम से कम इस वैज्ञानिक युग में हमे इन अंधविश्वासों को दूर करके एक अच्छे जीवन साथी की तलाश करनी चाहिए न कि एक अच्छी कुंडली की ।
अगर आप ये बातों से सहमत है तो अपने बॉयोडाटा में जन्म की तारीख तो लिखे पर जन्म के समय की जगह लिखे हम कुंडली नही मिलाते । आप सब पढ़े लिखे लोग है, इसे एक अभियान बना दे । हमारे समाज की आधे से ज्यादा समस्या तो यु ही हल हो जाएगी जो कुंडली के चक्कर में अटकी है ।
ज्योतिषी को हाथ दिखाना, पंडित से कुंडली पढवाना, क्या है यह सब.
चिट्ठिया हो तो हर कोई बांचे, भाग न बांचे कोय.जो घट जाता है वही भाग्य है
कुंडली का सच
एक बार ज्योतिष सम्मेलन हुआ । वँहा पर एक व्यक्ति 10 कुण्डलिया लेकर आया और उसने ज्योतिषियों के समाने कुछ प्रश्न रखे ।
1- इन 10 कुंडलियो में से कौन सी कुंडली लड़के की है और कौन सी लड़की की ?
2- इन 10 कुंडलियो के आधार पर व्यक्ति के जन्म का समय और स्थान क्या है ?
3- कुंडली के आधार पर कौन सिंधी , कौन पँडित , कौन ठाकुर कौन किस जाति का है ?
4- इन 10 कुंडलीयो में कौन कौन सा व्यक्ति जीवित अथवा मृत है ?
5- इन 10 कुंडली के आधार पर कौन सा व्यक्ति शादी शुदा है और कौन कौन सा कुँवारा है ?
उस महा सम्मेलन में किसी भी ज्योतिषी के पास इन सवालों का जवाब नही था ।
मित्रो जिस कुंडली को देखकर आप आज यानी वर्तमान नही बता सकते है , उन कुंडलियो के आधार पर भविष्य को देखना एक मूर्खता के अलावा कुछ भी नही है ।
मित्रो कुंडली मिलान के चक्कर में आप अपने बच्चो का भविष्य अन्धकार में ढकेल रहे है ।।
कुंडली ने जितने घर आज तक बसाये उससे ज़्यादा बसने नहीं दिये होंगे ।।
इन के रचीत ग्रंथ भी कुंडली का फौल्ट बताते दीखेगे जैसे इन लोगों ने राम और सीता की भी मिलाई थी, फिर भी सीता को वन मे भटकना पडा और रावन के यहा बंदी बन कर रहना पडा था।
- विशाल सोनारा
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