May 27, 2018

राजस्थान में दलित एट्रोसीटी और कांग्रेस पार्टी

By Raju Solanki  || 15 April 2018 


राजस्थान में हिन्दुत्व की हिंस्रता सत्ता के समर्थन से दलितों को रौंद रही है. यहां तीन तसवीरें मैंने रखी है. पहली तसवीर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पथ संचलन के कार्यक्रम की है, जो 14 अप्रैल के दिन सरेरी खंड के मोड का निम्बाहेडा गांव में हुआ था. दुसरी तसवीर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की भीलवाडा में भगवा रैली के कार्यक्रम की है. यह दोनों तसवीरें स्पष्ट रूप से यह दिखाती है कि राजस्थान में दलित-विद्रोह को वैचारिक तौर से परास्त करने के लिए संघ परिवार पूरी तरह से जोर लगा रहा है. तीसरी तसवीर जिला नागौर के मेडता शहर के पुलीस थाने के थानाधिकारी (पोलीस इन्सपेक्टर) का पत्र है, जो उसने मेडता सिटी ब्लोक के ब्लोक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (डीपीईओ) को भेजा है, जिसमें उसने लिखा है कि दिनांक 2-4-2018 को उनके ब्लोक के अधीन वाले तमाम कार्यालयों तथा स्कुलों में कार्यरत तमाम कर्मचारी एवम अधिकारियों के नाम उनके मोबाइल नंबर के साथे भेजें, जो लोग उस दिन अवकाश पर अर्थात् लीव पर रहे हो.

राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार दलितों को कुचलने के लिए तमाम प्रकार के हथकंडे अपना रही है. अभी अहमदाबाद के होप अस्पताल में रानीवाडा से एक दलित युवा को लाया गया था, जिसको मस्तक में टीयरगेस का शेल लगा था और वह गंभीर रूप से जख्मी हुआ था. सूना है कि रानीवाडा में दलितों पर पुलीस तथा करनीसेना ने भयानक हमला किया और दलितों को काफी नुकसान पहुंचाया है.

हम गुजरात के दलित राजस्थान के साथियों के साथ खडे हैं. मगर सवाल यह है कि आनेवाले दिनों में राजस्थान के चुनावी समर में बीजेपी को चुनौती देनेवाली कांग्रेस पार्टी क्या कर रही है? राजस्थान के दलितों को कानूनी मदद के लिए कांग्रेस पक्ष की और से कोई लीगल सेल है कि नहीं? यही सवाल बीएसपी के लिए भी हम पूछ सकते हैं. क्या हमें राजस्थान के दलितों पर हो रहे अत्याचारों का कोई प्रमाणित ब्यौरा मील सकता है?

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