By Jigar Shyamlan || 21 January 2018
दुनिया में सब से पहले ईश्वरीय शक्ति और प्रभाव एवम जन्म पुनँजन्म को नकारनेवाले बुध्ध थे।
आप बुध्ध को नास्तिक बोल सकते हो। बुध्धने ही कहा था "कही कोई ईश्वर नही है, उसको खोजने में अपना वक्त बबाँद मत करना।"
लेकिन बुध्ध की विचारधारा में ईतनी मिलावट कर दी गई।
ईस मिलावट के कारण जिस बुध्धने हिन्दु धमँ की बुराई और अंधश्रध्धा के माहौल से बचाने के लीये एक नया मागँ दीया वह बुध्ध धम्म ही हिन्दु धमँ का एक अंग माने जाना लगा। जिस बुध्धने ईश्वर और अवतारवाद को नकारा था उस ही बुध्ध को विष्णु का अवतार घोषित किया गया।
बुध्ध के विचारो का विभाजन करके कुछ गूट बनाये गये।
हमारे आज के युवा सिफँ ऐनहीलेशन ओफ कास्ट या रीडल्ज ओफ हिन्दुईजम पढकर ही खुद को आंबेडकरवादी समझ रहे है। लेकिन उन मे से किसी ने भी बुध्धा ऐन्ड हीज धम्मा पुस्तक को शायद नही पढी होगी।
बाबा साहब ने बौध्ध धमँ के बारे में सबसे विश्वसनिय और एकदम सटिक बाते बुध्धा ऐन्ड हीज धम्मा में लीखी है।
हम सब को बाबा साहब आंबेडकर पसंद है पर सिफँ
मनुस्मृति जलानेवाले..,
हिन्दु धमँ के खिलाफ आक्रोश दिखानेवाले..,
हिन्दु देव देवीओ पर सवाल उठानेवाले ..,
पर हमे बोधिसत्व, राजनेता, अथँशास्त्री बाबा साहब और उनको पढना रास नही आ रहा।
पहले आंबेडकर को पढीए फिर बुध्धा एन्ड हिज धम्मा पढीए...
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