By Vishal Sonara || 1 February 2018
ये अन्ना हजारे टाईप दादाजी खुद को सदगुरु बता रहे है, अभी अभी बहोत से आंदोलन भी कर रहे है. वो अपनी वेब साईट पर लिखते है कि चंद्र ग्रहण के समय खाना खाने से खराब प्रभाव पडता है. शरीर को नुकसान करता है. (लींक Why Eating Food During Lunar Eclipse is Harmful )
उन के मुताबीक अगर आप ग्रहण के समय खाना खाते हो तो खाना जहर हो जाता है.
इनके जैसे कई लोगों ने फेसबुक, ट्वीटर और अन्य सोशल मीडिया मे माध्यमो से काफि सारी कथा वार्ताए फैला रखी थी. अब इन कथाकारो का प्रभाव तो देखो अंधश्रद्धा वाली बात को इतना फैला दिया की नासा को भी इस बात पर लोगो ने पुछ पुछ कर परेशान कर दिया.
नासा कि स्पष्टता :-
"There is no evidence that supports the idea that lunar – and solar – eclipses have a physical effect on people. But it does admit that eclipses can produce “profound psychological effects” that can lead to physical effects because of the beliefs people have and the actions they take because of those beliefs."
मतलब की आज तक ऐसा कोई सबूत नहीं है कि जो इस विचार का समर्थन करता है कि चंद्र और सौर-ग्रहण का लोगों के शरीर पर प्रभाव होता है. लेकिन नासा यह स्वीकार करता है कि ग्रहण और उस से जुडी आस्था के कारण "गंभीर मनोवैज्ञानिक प्रभाव" पड सकता हैं, जिस के कारण लोगों को शारीरिक तकलीफ भी हो सकती है.
( लींक ः- The Effects of Lunar Eclipses )
इस का मतलब है की अगर आप के दिमाग मे भुत है तो आप को भुत दिखेगा बाकी के लोग मजे करो. ये पाखंडी लोग आप के दिमाग पर "गंभीर मनोवैज्ञानिक प्रभाव" पेदा करने ही सब कुछ लीखा और बोला करते है. इनसे दुर रहीये वरना चंद्र, शनी और सुर्य से डर डर कर रहीये मुजे कोइ तकलिफ नही है.
जय संविधान
जय विज्ञान
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