June 08, 2017

रवीश कुमार पांडेय कितना बढ़ा धूर्त है ये आपको स्वंय तय करना है

चाहे कीतनी भी कोशीष कर लो सच्चे अंबेडकरवादीओ से साजीश छुप नही सकती. ये पोस्ट पढ कर रवीश कुमार पांडेय कितना बढ़ा धूर्त है ये आपको स्वंय तय करना है.

रवीश कुमार बहुजनों का हितैषी दिखने की कोशिश भरपूर करते हैं फीर भी पंडितो का पांडित्य बाहर आ ही जाता है. रवीश कुमार पाखंडवाद के विरोधी हैं, समानता की बात करते हैं, बंधुत्व चाहते हैं, दलीतो पर बोलते है, मुसलमानो का मसीहा बन कर पेश आते है , पर ये सब कैसे करते है रवीश कुमार?
वो ऐसे कि रवीश कुमार मुरारी बापू जैसे राम-कृष्ण का यशोगान करने वाले धार्मीक मीडिया जैसे लोगो से आशीर्वाद लेने उनके आश्रम जाते हैं. उनकी चरण-वंदना करते हैं. एक सच्चा मानवतावादी सब कुछ समज जाता है, अब बताईये राम-कृष्ण के भक्त के भक्त बनकर रवीश कुमार बहुजनों का भला करेंगे...?
इसके अलावा बहुत से बहुजनों का लगता है कि रवीश कुमार पांडेय अंबेडकर जी को बहुत मानते हैं, सम्मान देते हैं.
पर रवीश कुमार फिर भी एक गांधीवादी हैं, उन्होने अंबेडकर वाद के प्रती ध्वनी जैसे गांधीवाद को क्यो चुना हो सकता है? कही गांधीजी वर्णव्यवस्था के समर्थक थे वह तो नही है रवीश जी के गांधीवादी बन ने की???
अब आप खुद ही निर्णय लीजिये कि एक गांधीवादी बहुजन हितैषी हो सकता है क्या?
गांधी ने बहुजनों के साथ जो किया आप भूल सकते हैं क्या?
नहीं ना...तो फिर आप कितना भी रवीश कुमार को निष्पक्ष पत्रकार कहिये, वो आपको गांधी की तरह ही किसी दिन ठगकर चलता बनेगा।
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