June 07, 2017

वामपंथी लोग (साम्यवादी) पुजा पाठ मे विश्वास नही करते ये भ्रम की बात है,जो फ़ोटो में दिख रहा है, वही सत्य है.

वामपंथी आलोचक प्रोफ़ेसर मैनेजर पांडे की यह सरलता और साफ़गोई प्रशंसा योग्य है। मैं नमन करता हूँ।
भागवत पाठ या सत्यनारायण कथा में हिस्सा लेने में दिक़्क़त क्या है। यह तो आस्था का मामला है। संविधान हर किसी को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
प्रगतिशीलता का नाटक करने वालों की तुलना में ये बेहतर लोग हैं।
मैनेजर पांडे ने खुलकर अपने लोगों को आगे बढ़ाया। सेट किया। रोहित वेमुला को दंडित करने वाला हैदराबाद का प्रोफ़ेसर आलोक पांडे उनका ही शिष्य है।
आदमी को इतना ही सीधा और सरल होना चाहिए। खुलकर काम करना चाहिए।
छुपकर काटने वालों से ये लोग बेहतर हैं।
मैं ग्रामीण जातिवाद को शहरी जातिवाद से बेहतर विरोधी मानता हूँ क्योंकि ग्रामीण जातिवाद आसानी से पहचाना जा सकता है।
- दिलीप सी मंडल 


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