May 28, 2017

विभीषण कितना भी बडा रामभक्त क्यो न हो, जाना आज भी उसे गद्दार की तरह ही जाता है : विजय जादव

और कीतना मुर्ख बनोगे?
अब तो अपना तर्क लगाओ....
तर्क को भी कसौटी पर लगाओ...
दीखावे पर मत जाओ...!!!
आप रास्ते पर चल पडे है, आपको मुश्किल भी पड रही है!आप अपनी मंजिल तक पहुँचने ही वाले होते है तो आपके दुश्मन आपसे छल करके आपको दुसरे रास्ते भेजनेका प्रयास करेंगे!
आपको बहला फुसलाकर,  लोभ लालच देकर बताया जाएगा की दुसरा रास्ता ही आपके लिए सही है!

कई बार आपके ही लोगोको आपके खिलाफ खडा कीया जाएगा! हा और वो नादान लोग ये तक नही जानते की उनको अपने ही लोगों के खिलाफ जाकर उनको पीछे ढकेलने की शाजिश रचाई गई है!
वे अलग रास्ते पर चल पडेंगे और सबको यकीन दिलायेंगे की मेरे पीछे आ जाओ,  मै आपको मंजिल तक पहुँचने मे सहायक बनुंगा। पर असलमे वो रास्ता आपको और पीछे ढकेलने वाला होता है!

वे मुर्ख है पर आप तो नहीं ना?


आपको समजाया जाएगा की दुसरे रास्ते पर जाएंगे तो आपको अपनी मंजिल बहोत ही जल्दी मिलेगी।
परंतु अपना तर्क लगाईये,
ऐसे निशान ढुंढिये की आपको लगे की हा यही रास्ता सही है।
आपको यकीनन सच्चे रास्ते के बारेमे जानकारी मिलेगी
खुद के भरोसे पर रहीए
खुदकी बुद्धि का इस्तेमाल कीजीए
और कुछ कहनेकी जरुरत नही लगती क्योंकि आप समझदार है।
विभीषण कितना भी बडा रामभक्त क्यो न हो, जाना आज भी उसे गद्दार की तरह ही जाता है ये ही परम सत्य है...!!!
- विजय जादव


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