March 28, 2020

Playing with Fire

By Raju Solanki  || 27 March 2020

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1.
ट्रम्प पागल आदमी है.

ट्रम्प बहुत कुछ है. केपिटालिस्ट, क्रोनी केपिटालिस्ट, मोनोपोलिस्ट, सेल्फिश, रेसिस्ट, व्हाइट सुप्रिमेसिस्ट, फासिस्ट, एन्टि-वुमन.

पूरी मानवजाति विनाश के कगार पर है, तब अमरिका में ट्रम्प का प्रेसिडन्ट होना अच्छी बात नहीं है.

ट्रम्प ने बार बार कोरोना वायरस को चाइनीझ वायरस या वुहान वायरस कहकर अपने नस्लवादी होने का प्रमाण दिया है.

यह एक तरह का स्टीरीयोटाइपिंग तो है ही, साथ साथ इससे एक बात भी समजी जाती है कि अमरिका खुद की गलतियां स्वीकार नहीं करेगा.

अमरिका केन डु नो रोंग. जस्ट लाइक किंग.

वाकई में कोरोना की वजह क्या है?

दर असल, मानवजाति ने कुदरत का बनाया हुआ संतुलन बिगाड दिया है. अपने स्वार्थ के चलते. पैसे कमाना और तेजी से कमाना. इस रफ्तार में केपिटालिस्ट वर्ग ने कुदरत की व्यवस्था को पटरी से उतार दी है. अमरिका यह कटु सत्य कैसे स्वीकार करेगा? कोई भी डेवलप कन्ट्री यह बात नहीं स्वीकारेगा.

कोरोना वायरस चमगादड से आया है वाया पेंगोलिन. और यह पेंगोलिन एक लुप्त हो रही मासूम प्रजाति है. पेंगोलिन का व्यापार होता है और उसमें बहुत मुनाफा है. इसी मुनाफाखोरी से चलते इन्सान ने पर्यावरण से खिलवाड किया है.

कुदरत ने हमें बहुत बडा मेसेज दिया है.
अभी भी वक्त है. संभल जाओ.
कल कुदरत तुम्हे पछताने का मौका भी शायद नहीं देगी.



2.

लोग हैरान परेशान है.

पूछ रहे हैं कि चीन से 15,000 किमी की दूरी पर इटली है. वहां कैसे कोरोना पहुच गया?

अभी हमें कुछ काम ही नहीं करना है. तो वाइरस चीन से इटली कैसे पहुंचा उस पर ही रीसर्च क्यों ना करें?

क्या कोई चाइनीझ चीन से फ्लाइट में बैठकर इटली के मिलान में गया होगा और वहां थुककर कोरोना फैलाया होगा?

बडी दिलचश्प कल्पना है.

और दूसरी कल्पना तो इससे भी मजेदार है.

कहते हैं चीन ने जानबूझकर अपने ही देश में वायरस फैलाया और फिर पूरी दुनिया को बरबाद कर दिया.

कहते है आलसी इन्सान का दिमाग शैतान की फैक्ट्री है.

दर असल हमारी बहुत सारी इन्फर्मेशन (या मिसइन्काफर्मेशन) का स्रोत अमरिका और उसकी न्यूझ एजन्सियां है. हम जाने अनजानें में भी उन्ही की गढी हूई कहानियां आत्मसात करते हैं और फिर हमारी वोट्सप युनिवर्सिटी के हमारे भोले भाले छात्रों को पढाते रहतेहैं.

भाई जान, कोरोना किसी कोन्सपीरसी नहीं है. यह पेन्डामिक है. वैश्विक महामारी है.

और अगर यह कोन्सपीरसी है तो वह इन्सान ने अपने निजी स्वार्थ के कारण पूरी कुदरत के खिलाफ जो खिलवाड किया है उसी की वजह से यह पेन्डामिक आया है.

अमरिका चीन के सर पर सारी गलतियां थोपकर बचना चाहता है. गुनहगार तो दोनों हैं.

- राजु सोलंकी

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