By Nilesh Rathod || 3 September 2017 at 10:39
सिर्फ "जय भीम" लिखने या बोलने से आप बाबा साहब के अनुयायी नही बन सकते है । ऐसे लोगो को "भक्त" कहा जाता है #अनुयायी नही । #अनुयायी बनने के लिए बाबा साहब की और हमारे बहुजन महापुरुषों की विचारधारा को समझना होगा उसे पढ़ना होगा और सिर्फ पढ़ना ही नही उसपर अमल भी करना होगा ।
दुख की बात यह है कि बहुजनो में "भक्त" ज्यादा है और अनुयायी कम ।
बाबा साहब कहते थे की मुझे #भक्त नही #अनुयायी चाहिए जो बहुजनो के कारवाँ को आगे ले जा सके ।
इसलिए कहता हूं कि बहुजन विचारधारा को पढ़ो उसे समजो की हमारे पूर्वजों ने कितनी यातनाए जेली है तब जाकर कहि हम अभी चैन कज सांस ले पा रहे है ।
यह लड़ाई पिछले 4000 से अधिक सालो से चल रही है और अभी तक चल रही है । हमारे पूर्वजों ने कभी हार नही मानी वे जानवरो से भी बदतर जीवन जीने को मजबूर थे( बल्कि में कहूंगा कि ऐसा जीने के लिए मजबूर किया गया था ) फिर भी उन्होंने हार नही मानी थी और डटकर ब्राह्मणवाद-मनुवाद का मुकाबला किया था ।
तब उनके पास न कोई संवैधानिक अधिकार थे नाही आर्थिक सधरता फिर भी वे नही जूक नाही लड़ाई से मुह मोड़ा वे अपनी कुर्बानियां देते रहे ।
आज आपके पास सब कुछ है फिर भी आप इसे नजरअंदाज करके उसी सडीगली मान्यताओं अंधविश्वासों धार्मिक सामाजिक रुढियो को अपनी छाती से चिपकाये क्यों रहते हो ?
क्योंकी आपने अभी तक अपने बहुजन महापुरषो को जानने की कोशिश ही नही की है । मुफ्त में मिले संवैधानिक अधिकारों का लुफ्त उठाते है लेकिन कभी यह जानने की कोशिश की है कि यह जो हमे सुख-सुविधा मिली है वह कोई अपनी महेनत से नही अपने पूर्वजों के बलिदान और महापुरुषों के कठिन संघर्षो के बाद मिली है ।
जो कौम अपना इतिहास नही जानती वो अभी भी अंधकार में ही जी रही है ।
ब्राह्मण अपने बेटे को वो सब कुछ शिखाता है जो उनके पूर्वजो ने उसे शिखाया है ।ब्राह्मण का बेटा अपना इतिहास बखूबी जानता है बनिया भी अपने बेटे को व्यापार के सभी नीति-नियम शिखाता है फिर चाहे वह व्यापार करे या न करे ।
लेकिन आप अपने बेटे को क्या शिखाते है?
किसी मंदिर के पास गुजरते ही बोलते है बेटा जे-जे करो?
उस बच्चे को बचपन से ही धार्मिक अंधविश्वासों की दलदल में फेंक देना यह बाबा साहब और बहुजन महापुरुषों के बलिदान का मजाक बनाते हो ।
तब फिर आपका #जयभीम बोलना व्यर्थ है
इसलिए कहता हूं आप पढोगे नही तो जानोगे कैसे ?
सभी को मेरा #जयभीम
नीलेश राठोड
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