July 11, 2017

गुजरात मे अखबार बदलते ही अमरनाथ हमले की बस का ड्राईवर बदल जाता है

By Vishal Sonara




संदेश की ओफीशीयल साईट मे एक ही खबर के दो अलग अलग रुप देखने के बाद गुजरात की अग्रीम माने जाने वाली दुसरे अखबारो की वेबसाईट मे जाकर देखा तो अलग ही नजारा देखने को मीला.
संदेश ने अपनी एक खबर मे ड्राईवर हर्ष को और एक खबर मे सलीम दर्शाया है.

ईस तरह एक हि खबर क लीये दो अलग नाम लीखने की क्या आवश्यकता है और क्या मंशा है वेबसाईट चलाने वालो की यह तो हम नही कह सकते पर ये जरुर बात है की एडीटर श्री अपना काम ठीक से नही कर रहे.
ये दोनो लींक ये लीखा जा रहा है तब भी मौजुद है वेबसाईट पर.
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गुजरात समाचार की साईट मे ड्राईवर का नाम सलीम मीर्जा दीखाया गया है.
सलीम मीर्जा और सलीम शेख दो अलग नाम है या एक ही ये तो हमे पता नही है ड्राईवर का नाम तो सलीम है ये तसल्ली के साथ हम गुजरात समाचार को धन्यवाद देते है.
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दिव्यभास्कर की साईट मे अमरनाथ बस का ड्राईवर हर्ष देसाई है वो सब से अलग मालुम होते है.
बीबीसी न्युज की खबर के अनुसार हर्ष बस का मालीक था और सलीम ड्राईवर पर यहा पे दिव्यभास्कर के तंत्री महोदय को अपने स्टाफ के कुछ ज्यादा ही भरोसा मालुम पडता है उन्हो ने खबर की सत्यता की परवाह कीये बीना एक पोस्टर तक बना डाला और अपनी खबर के साथ जोड दीया.
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नवगुजरात समय की साईट मे ड्राईवर का नाम सलीम भाइ लीखा गया है जो काफी कुछ सोर्स के साथ मेल खा रहा है.

हांलाकी यहा पर टाईपींग मीस्टेक देखा जा सकती है पर ये बात कोइ माईने नही रखते खबर सच्ची होनी चाहीये.
नवगुजरात समय की खबर ः અમરનાથ અટેક: ડ્રાઈવરે હિંમત ન બતાવી હોત તો કોઈ ન બચ્યું હોત.

गुजरात के एक और अखबार फुलछाब की साईट पर तो अमरनाथ के सबंध मे एक भी खबर नही है.
ये हालात है गुजरात मे लोकशाही के चौथे स्तंभ का.
आज के हालात मे देश मे सांप्रदायीकता का जोर है उस मे ये बात बहोत मायने रखती है की एक मुसलमान ने अमरनाथ यात्रीयो की जान बचाई पर कुछ लोग ये नही होने देना चाह रहे. जीनको आदत बन चुकी है मसाला न्युज बनाने की वो कुछ भी कर सकते है.
हर को अपने से न्युस बना रहा है, हैरान करने वाली बात तो ये है की ये सब गुजरात मे मेईन स्ट्रीम मीडिया गीने जा रहे है. संदेश ने तो हद ही कर दी दोनो तरफ की बाते छाप दी. सब का चहीता बन ने की होड हो जैसे. गुजरात समाचार , नवगुजरात समय की बाते मेल खा रही है सरनेम को छोड दे तो वो लगभग एक समान ही है. दिव्य भास्कर की बात ये दोनो से एक दम अलग है. और संदेश दोनो तरफ है. 
हर तरफ से हो रही मुस्लीम ड्राईवर की तारीफ कुछ नफरत के पुजारीओ को पसंद न आ रही हो और वह सोशल मीडिय मे ऐसी बाते फैलाते है वह हम देखते है पर अगर मेईन स्ट्रीम मीडिया गीने जाने वाली समाचार एजंसीया इस तरह की हरकतो पर उतर आये तो क्या कहे ईस देश के मीडिया का.

( अगर इस तरह की कोइ बात आप के ध्यान मे आये तो बेजीजक आप अपनी बात हम तक पहुंचाये. )

Read : - गुजराती न्युजपेपर "संदेश" की साईट के दो संदेश

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