June 26, 2017

शाहू महाराज जयंती अवसर पर उन्हें विनम्र अभिवादन।

राजर्षि छत्रपती शाहूजी महाराज के कोल्हापुर संस्थान में ब्राम्हणवाद को नियंत्रण करनेवाले निर्णय
१) १९०१ में कोल्हापुर संस्थान में अछूतों कि जनगणना और १९०२ में मराठा,ओबीसी, अस्पृश्य इन सभी लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था
२) १९०१ शुद्र-अतिशुद्रो के लिए छात्रावास का प्रावधान
३) कोल्हापुर संस्थान के सभी गाँव में स्कूल खोलने के लिए १ लाख रूपये का प्रावधान और स्कूलें खोलने का आदेश
४) ८ सितम्बर १९१३ कोल्हापुर संस्थान में सखती से अनिवार्य शिक्षा का आदेश
५) १९१७ को विधवा कानून बनाने का आदेश
६) ३ अगस्त १९१८ NT/DNT/VJNT को पुलिस स्टेशन में हाजीर रहने की प्रथा को खत्म कर दिया।
७) ६ सितम्बर १९१९ सार्वजनिक जगह पर जैसे कुँवे,अस्पताल, धर्मशाला,सरकारी आवास पर अस्पृश्यता को नकार कर सबके लिए खुली छूट दिया।
८)१९१९ आतंरजाती विवाह को मान्यता दी
९)३ मई १९२० बंधुवा मजदूरी की प्रथा बंद करवायी। और ज्यो लोग यैसा करते है,उनपर कानूनी कारवाई की जायेगी यह निर्णय हुवा
१०) २ अगस्त १९१९ महिलाओं को तलाख लेने का स्वेच्छा से अधिकार दिया।
११) १७ जनवरी १९२० को देवदासी प्रथा को खत्म कर दिया।
१२) १९२० ब्राम्हणो का जन्म दो बार होता है,एक जन्म से और जनऊ संस्कार से होता है । इस प्रथा को पाबंदी लगायी! और सभी ब्राह्मण हो या शुद्र-अतिशुद्रो का जन्म एकबार ही होता है। यह आदेश दिया गया था।
१३) राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले के समाज संघटना के लिए जगह-जगह मकान उपलब्ध करवाया।
शाहू महाराज जयंती अवसर पर उन्हें विनम्र अभिवादन।


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