हमारा आन्दोलन केवल अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए नही बल्कि सामाजिक क्रांति लाने के लिए है.. जिससे नागरिक अधिकारों के सम्बन्ध में मानव मानव में किसी प्रकार का भेदभाव किए बिना मानव निर्मित जातियों के अवरोधों को नष्ट कर अपना सर्वोत्तम विकास करने का सबको अवसर प्रदान करना है..
यदि हम समस्त हिन्दुओ को एक जाती में संगठित करने में सफल हुए तो यह साबित होगा की हमने अपने राष्ट्र और खासकर हिन्दू समाज की बहुत बड़ी सेवा की है.. वर्तमान जाती व्यवस्था अपने भेदभाव तथा अन्य दुश्परिनामो के कारण हमारे सामाजिक एवं राष्ट्रिय कमजोरी का बहोत बड़ा स्त्रोत है.. हमारे आन्दोलन का मूल उदेश्य संगठन, मजबूती, समता, स्वतंत्रता और भाईचारा है.. हम अंधकार युग में रचित शास्त्र और स्मृतियों की प्रतिबध्धता एवम उनसे नियंत्रित होना अस्वीकार करते हुए न्याय एवम मानवता में विश्वास रखते है..
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