By Vishal Sonara || 11 Sep 2017
साथ साथ...
देश मे बढते साधु संतो और बाबा लोगो के अपराधो के चलते लोगो मे साधु संतो के प्रती अविश्वास को भांपते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद नामक संस्था ने एक लिस्ट जारी की है. उस लिस्ट के मुताबीक 14 ऐसे साधु संत और बाबा है जो फर्जी बाबा है...!!! लिस्ट मे कुछ इस प्रकार के नाम सामेल है.
- आसाराम उर्फ आशुमल शिरमलानी
- सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां
- सचिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता
- गुरमीत राम रहीम ईंसा, डेरा सच्चा सौदा सिरसा
- ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा
- निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह
- इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी
- स्वामी असीमानंद
- ऊं नम: शिवाय बाबा
- नारायण साईं
- संत रामपाल
- आचार्य खुशमुनि
- बृहस्पति गिरि
- मलखान सिंह
ये अखाडा परिषद का ओरीजनल लेटर है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद 13 अखाड़ों की संयुक्त संस्था है, जिसमें लाखों की संख्या में साधु-संत-बाबा हैं. 10 सितम्बर, 2017 को 2019 में लगने वाले अर्धकुम्भ मेले को लेकर परिषद द्वारा इलाहाबाद के बाघंबरी मठ में एक कार्यकारिणी बैठक का आयोजन किया गया था. अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी में सभी अखाड़ों के दो-दो सदस्य हैं. इस बैठक मे साधु बन बैठे और आपराधीक मामलो के दोषी साधुओ पर विमर्श कीया गया और नकली साधुओ का बहीष्कार करने के लीए लोगो को अपील की गई. नकली साधुओ को पहचानने के लीए कार्यकारिणी लीस्ट बनायेगी ये तय हुआ. इस नीर्णय के चलते उस लीस्ट की पहली सुची लोगो के सामने रखी गई. सभी अखाडे के दो दो सभ्य जो की कार्यकारिणी के सदस्य होते है वह 26 सदस्य मिलकर फर्जी बाबाओं की सूची बनाएंगे. पहली सूची जारी हो गई अब आगे भी लगातार कई सूचियां आएंगी.
साथ साथ...
- इस बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने संत की उपाधि देने के लिए एक प्रक्रिया तय करने का फैसला किया है.
- विहिप, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ मिलकर काम करता है. जैन ने कहा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का मानना है कि संत की उपाधि का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है इसलिए परिषद ने यह उपाधि देने के लिए एक प्रक्रिया तय करने का फैसला किया है. अब से किसी व्यक्ति की पड़ताल करने और उसका आकलन करने के बाद ही यह उपाधि प्रदान की जाएगी.
- संत की उपाधि देने से पहले अखाड़ा परिषद यह भी देखेगी कि व्यक्ति की जीवनशैली किस तरह की है.
- किसी संत के पास नकदी या उसके नाम पर कोई संपत्ति ना हो ये सुनीश्चीत किया जायेगा.
कौनसे साधु संत अब इन के अगले लीस्ट मे आते है ये अब देखना रहेगा. हालांकी ये सब किस आधार पर तय किया जायेगा या किया जा रहा है ये जानकारी किसी के पास नही है. पर लोगो का संतो पर से उठते जा रहे विश्वास को फीरसे वेग देने के लीये का ये प्रयास ज्यादा मालुम पड रहा है. अखाडा परिषद का ये नीर्णय लोगो के दिमाग मे बैठेगा या नही ये भी एक गंभीर प्रश्न है. आने वाले दिनो मे लोगो की और ये नकली संतो की क्या प्रतीक्रीया आती है ये देखना है अब.
अखाडा परिषद को ये सब तय करने का अधीकार है या नही ये भी एक सोचनेलायक विषय है. पर एक बात तो तय है कि अखाडा परिषद ने दुसरे साधु संतो को सर्टीफीकेट देने का तय कर के खुद का स्थान सब से उपर है ये तो साबीत नीस्चीत तौर पर करने का प्रयास किया है.
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