By Vishal Sonara || 31 January 2018
"माथे तीलक हाथ जप माला जग ठगने कु स्वांग बनाया."
- सद्गुरु रविदास जी महाराज
शिरोमणी श्री रविदास जी कहते है कि, “कोई व्यक्ति जिसने माथे पर तिलक लगाया है और हाथ में माला जप रहा है उसने समाज को ठगने के लिए ढोंग रचाया है, वह ठग है.”
इस प्रकार अपनी सभी रचनाओ मे उन्होने पाखंड और आडंबरो को आडे हाथ लिया था. माथे का तिलक और हाथ मे माला केवल पाखण्ड का चिह्न और चोर बाजारी है. इस प्रकार का दिखावा समाज को धोखा देने का साचन मात्र है और कुछ नही.
दुख कि बात ये है की आजकल हम देखते है कि खुद रविदास जी महाराज की माथे तिलक और गले मे माला डाले फोटो फैलाई जा रही है. और साथ मे उनके जिवन के बारे मे गलत कहानीया फैलाई जा रही है ,वैग्यानीक दृष्टीकोण से जिसका कोइ मोल नही है.
रविदास जी महाराज एक क्रांतिकारी व्यक्ती थे और उन्हे गौतम बुद्ध की ही तरह बहुजन समाज के एक पथदर्शक की तरह देखना चाहिए. चमत्कारो को उनसे जोड कर उनके विचारो की महानता को हमे कम नही करना चाहिए. उनके लिए राम का मतलब था मनुष्य मात्र मे बसा जीव था, जीसे वो अपनी बानी मे भी बहोत बार कह चुके है की मेरे लिए राम का मतलब दशरथ का पुत्र नही है पर वो है जो पुरी दुनीया मे समाया हुआ मानविय तत्व है.
हमारे देश मे पाखंडीयों की अनोखी परंपरा रही है किसी भी महान विचारधारा को खत्म करने के लिए पहले वो लोग उनसे मुकाबला करते है पर बाद मे पता चल जाए की इस विचारधारा के सामने वो हार सकते है तो उन्हे बाद मे उस महान विचारधारा का गुनगान गाने मे लग जाते है. गुनगान गाते गाते वो लोग चमत्कार और अवैग्यानीक बातो को फैलाते रहते है और लोगो के दिमाग मे भरते रहते है. और बाद मे विचारधारा के मुल विचारो को खत्म कर दिया जाता है. ये ही संत रविदार , कबीर और बहोत से संतो के साथ किया गया है.
आज हम देख रहे है की आरएसएस और कोंग्रेस के लोग आंबेडकर की भक्ति मे लगे हुए है और उनको पुजने का दिखावा कर रहे है. ये वो ही पाखंडी लोग है जो इस प्रकार विचारधारा को खत्म करने का काम करते है. ये उनका मनुवाद ही है और तरीका भी पुराना है सिर्फ हमे समजना होगा.
हमे SC ST OBC समाज के महानतम विचारको के सच को जानना होगा. चमत्कारो को ज्यादा भाव न दिये बीना मुल विचारो को उजागर करना होगा तभी लोगो के दिमाग से अग्यानता का जो अंधकार है वो दुर होगा.
संत रविदास जी के क्रांतिकारी विचारो को घर घर तक पहुंचा कर उन के बारे मे फैलाए जा रहे चमत्कारो को नकार कर ही हम उन्हे सच्ची श्रद्धांजली दे सकते है.
महान संत शिरोमणी श्री रविदास जी के पावन जन्मदिवस पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्य को मेरी तरफ से बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें .
- विशाल सोनारा
No comments:
Post a Comment