August 09, 2017

आरक्षण की मूलभूत संकल्पना

By Social Media Desk

आम तौर पर लोगों में आरक्षण की बहुत चर्चा होती है, लेकिन आरक्षण की मूलभूत संकल्पना के बारे में हमारे लोग जानते नहीं हैं.. शासक जाति के लोग और ब्राह्मण-बनिया प्रचार माध्यम के लोग समाज के सामने आरक्षण के नाम पर राजनैतिक आरक्षण की चर्चा करते हैं और हमारे लोग इनकी हा में हा मिलाते रहते हैं..

आरक्षण कोई गरीबी दूर करने का या पेट पालने का साधन नही है.. 

बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने आरक्षण (Reservation) इस शब्द की जगह (Representation) प्रतिनिधित्व इस शब्द का उपयोग और प्रयोग किया है.. संविधान में भी प्रतिनिधित्व (Representation) ही लिखा है.. यह प्रतिनिधित्व तीन जगहों पर है, 
(१) संसद, विधान सभाओं आर्थात राजनीति में प्रतिनिधित्व 
(२) प्रशासनिक सेवाओं में प्रतिनिधित्व
(३) शिक्षा में प्रतिनिधित्वब इन तीन क्षेत्रों में संविधान में प्रतिनिधित्व दिया गया है..

 प्रतिनिधित्व का अर्थ है "समाज की तरफ से समाज के लिए प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करना"

लोग सोचते हैं कि 'व्यक्ति की उन्नति' के लिए आरक्षण का प्रावधान है मगर यह ऐसा नहीं है.. आरक्षण प्रतिनिधित्व है और वह समाज के लिए निर्धारित किया गया है..

- वामन मेश्राम

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